हरियाणा में 19 हलकों के रिटर्निंग ऑफिसर की योग्यता पर सवाल बरक़रार, चुनाव को अदालत में दी जा सकती है चुनौती
चुनाव आयोग को लिखने बावजूद कार्रवाई लंबित, केवल मुख्यमंत्री नायब सैनी के चुनाव-क्षेत्र लाडवा में बदलकर तैनात किया गया योग्य आर.ओ.
चंडीगढ़ 01 अक्तूबर 2024।-- 15वीं हरियाणा विधानसभा आम चुनाव के लिए शनिवार 5 अक्टूबर को सभी 90 वि.स. सीटों पर निर्धारित मतदान में केवल तीन दिन का समय शेष रह गया है हालांकि प्रदेश के 19 विधानसभा हलकों के चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न कराने के लिए भारतीय चुनाव आयोग द्वारा पदांकित किये गये रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) के लिए निर्दिष्ट ए.डी.सी. एवं एस.डी.ओ. (सिविल) पदों पर वर्तमान में तैनात 2 आईएएस और 17 एच.सी.एस. की योग्यता पर सवालिया निशान कायम है एवं इस सम्बन्ध में चुनाव आयोग को बार बार लिखने बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी है हालांकि बीती 24 सितम्बर को चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रदेश सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र जिले के अंतर्गत पड़ने वाले लाडवा उपमंडल के एस.डी.ओ. (सिविल) जिसे एस.डी.एम. भी कहते हैं के पद से 2020 बैच के एच.सी.एस. अधिकारी नसीब कुमार को बदलकर 2014 बैच के एच.सी.एस. पंकज कुमार को लाडवा एस.डी.एम. पद का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है.
पंजाब एवं हरियाणा के एडवोकेट एवं चुनावी-प्रशासनिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार जिन्होंने बीते माह में कई बार चुनाव आयोग को लिखकर प्रमुखता से उपरोक्त मामला उठाया, ने बताया कि चूंकि चुनाव आयोग द्वारा लाडवा वि.स. सीट के रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) के तौर पर लाडवा के एस.डी.ओ. (सिविल) . को पदेन (पद के कारण) पदांकित किया गया है, अत: उक्त तबादले के बाद 2014 बैच के पंकज कुमार अब लाडवा वि.स. सीट के नए आर.ओ. हैं. प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लाडवा वि.स. सीट से ही भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.
बहरहाल, हेमंत ने आगे बताया कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव के लिए प्रदेश के 22 जिलों के कुल 90 विधानसभा हलकों के लिए चुनाव आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व कानून (आर.पी. एक्ट), 1951 की धारा 21 के अंतर्गत आर.ओ. के तौर पर 75 वि.स. हलकों में संबंधित क्षेत्र के एस.डी.ओ. (सिविल) अर्थात एस.डी.एम. जबकि 9 वि.स. हलकों -- यमुनानगर, पानीपत शहर, गोहाना, उचाना कलां, रानियां, नलवा, बवानी खेड़ा, कलानौर और फरीदाबाद-एनआईटी में सम्बंधित जिलों के ए.डी.सी. (अतिरिक्त उपायुक्त) को आर.ओ. के तौर पर पदांकित किया गया है.
हेमंत ने सर्वप्रथम चुनाव आयोग को लिखकर सिरसा और रोहतक जिलों के मौजूदा तैनात ए.डी.सी. (अतिरिक्त उपायुक्त) क्रमश: लक्षित सरीन और नरेन्द्र कुमार, जो दोनों 2021 बैच के आईएएस अधिकारी है एवं जो अपने अपने ए.डी.सी. पद के कारण क्रमशः सिरसा जिले की रानियाँ वि.स. सीट एवं रोहतक जिले की कलानौर (एस.सी. आरक्षित) सीट के पदांकित आर.ओ. हैं, को बदलकर उनके स्थान पर अन्य योग्य आईएएस अधिकारियों को उक्त जिलों का ए.डी.सी. तैनात करने का पॉइंट उठाया.
हेमंत का तर्क है कि मौजूदा लागू व्यवस्था अनुसार हरियाणा में जिला ए.डी.सी. का पद सीनियर स्केल प्राप्त आईएएस अर्थात चार वर्ष से ऊपर आईएएस सर्विस वाले अधिकारी के लिए निर्धारित हैं जबकि उपरोक्त दोनों 2021 बैच के आईएएस अधिकारी वर्तमान में इस योग्यता को पूरा नहीं करते. अत: ए.डी.सी. पद पर रहते हुए उपरोक्त दोनों आईएएस अधिकारियों का रानियाँ और कलानौर वि.स. सीटों का आर.ओ. बना रहना सही नहीं है.
हेमंत ने आगे बताया कि इसी प्रकार उन्होंने चुनाव आयोग को लिखा कि वर्तमान में 2020 बैच के 17 एच.सी.एस. अर्थात पांच वर्ष से कम सेवा वाले अधिकारी, जो वर्तमान में प्रदेश के 17 उपमंडलों में बतौर एसडीओ (सी)/एसडीएम तैनात होने के कारण उसके अंतर्गत पड़ने वाली विधानसभा सीटों के आर.ओ. हैं जिनके नाम हैं मोहित कुमार (नारनौंद), हरबीर सिंह (हिसार), ज्योति (इसराना), अमित कुमार- द्वितीय (सोनीपत), मयंक भारद्वाज (बल्लभगढ़), जय प्रकाश (रादौर), रवींद्र मलिक (बेरी) ), प्रतीक हुड्डा (टोहाना), अमित मान (बड़खल), अमित (समालखा), रमित यादव (नांगल चौधरी) अमित कुमार- तृतीय (कनीना- अटेली), अजय सिंह (कैथल), राजेश कुमार सोनी (घरौंडा) ), अमन कुमार ( पिहोवा), गौरव चौहान (पंचकूला) और विजय कुमार यादव (कोसली), वह सब भी सम्बंधित वि.स. सीट के आर.ओ. के तौर पर योग्य नहीं हैं क्योंकि हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2013 और 2020 में जारी आदेश अनुसार , जो मोजूदा तौर पर भी लागू है, एस.डी.ओ. (सिविल) अर्थात एस.डी.एम. के पदों को स्पष्ट तौर पर सीनियर स्केल और सिलेक्शन ग्रेड अर्थात 5 वर्ष से 15 वर्ष तक की एच.सी.एस. सेवा वाले अधिकारियों के लिए दर्शाया गया है. उपरोक्त 2020 बैच के सभी 17 एच.सी.एस. अधिकारियों को उनके पद अर्थात उनके एसडीओ (सी)/एस.डी.एम. तैनात होने के फलस्वरूप ही चुनाव आयोग द्वारा सम्बंधित विधानसभा सीट के आर.ओ. के तौर पर पदांकित किया गया है.
हेमंत का स्पष्ट कानूनी मत है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि आर. पी. एक्ट,1951 की धारा 21 के अंतर्गत चुनाव आयोग राज्य सरकार से परामर्श कर किसी भी उपयुक्त प्रदेश सरकार के अधिकारी को विधानसभा हलकों के लिए आर.ओ. पदांकित कर सकता है एवं इसके लिए संबंधित जिले का एडीसी या सब- -डिवीजन का एसडीएम होना आवश्यक नहीं है जैसे हरियाणा के 6 वि.स. हलको - पुंडरी में कैथल जिले के डीटीओ कम आरटीए सचिव, राई में सोनीपत जिले के डीडीपीओ, आदमपुर में हिसार जिले के डीडीपीओ उकलाना में हिसार जिले के डीआरओ, पृथला में फरीदाबाद जिले के एस्टेट आफिसर, हूडा और तिगांव में फरीदाबाद जिले के सीईओ, जिला परिषद, अर्थात उक्त जिला स्तरीय ग्रुप ए सरकारी अधिकारियों को आर.ओ. के तौर पर पदांकित किया गया है.
बहरहाल, चूंकि प्रदेश के 19 वि.स. हलकों नामत: रानियाँ में एडीसी-सिरसा एवं कलानौर में एडीसी-रोहतक जबकि नारनौंद, हिसार, इसराना, सोनीपत, बल्लभगढ़, रादौर, बेरी, टोहाना, बड़खल, समालखा, नांगल चौधरी, कैथल, घरौंडा, पिहोवा, पंचकूला, कोसली और अटेली (कनीना) में संबंधित एसडीओ ( सिविल) अर्थात एसडीएम को पदेन अर्थात उनके पद के कारण प्रासंगिक विस हलके/ सीट का आर.ओ. पदांकित किया गया है, अतः इन हलकों में एडीसी या एसडीओ ( सिविल) के पदों पर तैनात आईएएस या एचसीएस अधिकारी तभी आधिकारिक रूप से आर.ओ. के तौर पर कार्य कर सकते हैं अगर वह सब इन पदों पर तैनात होने के लिए न्यूनतम सर्विस ( सेवा) की योग्यता पूरी करते हो. अगर ऐसा नहीं होता है कि हेमंत का कानूनी मत है कि 8 अक्टूबर वि.स. चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद उक्त 19 वि.स सीटों पर न केवल पराजित उम्मीदवार बल्कि कोई भी व्यक्ति आर.ओ. की अयोग्यता को आधार बनाकर उस वि.स. सीट पर संपन्न हुए चुनाव को अदालत अर्थात हाईकोर्ट में चुनौती दे सकता है.
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