चंडीगढ़ वाइन कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने प्रशासक से मुलाकात कर आगामी आबकारी नीति पर चर्चा की
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 28 दिसंबर: चंडीगढ़ वाइन कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (सीडब्ल्यूसीए) के प्रतिनिधिमंडल ने आज पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक, गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सीडब्ल्यूसीए के अध्यक्ष दर्शन सिंह कलेर ने किया। उनके साथ शिवि जयसवाल और सचित जयसवाल (कानूनी सलाहकार), तथा गुरिंदरबीर सिंह (सचिव, सीडब्ल्यूसीए) उपस्थित रहे।
मुलाकात का उद्देश्य आगामी आबकारी नीति 2025-26 पर चर्चा करना और इसमें सुधार के सुझाव देना था। प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासक के समक्ष मुख्य रूप से निम्नलिखित मुद्दे उठाए:
- ईडीपी (एक्स डिस्टिलरी मूल्य) में वृद्धि न की जाए।
- वैट और ड्यूटी को घटाकर पंजाब के बराबर 1% किया जाए।
- ईबीपी (पूर्व शराब कीमत) को कम किया जाए, ताकि उपभोक्ता हल्के शराब पेय की ओर स्विच कर सकें।
प्रतिनिधिमंडल ने तर्क दिया कि पंजाब का आबकारी राजस्व 6,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,500 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि चंडीगढ़ को हर वर्ष 200 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हो रहा है। इस घाटे का प्रभाव चंडीगढ़ के शराब ठेकेदारों पर पड़ रहा है, जिससे नीति विफल हो रही है। ठेकेदारों के लिए लाइसेंस फीस जमा करना मुश्किल हो गया है, जिसके कारण कई शराब की दुकानें पूरे साल बंद रहती हैं।
प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल की इस पहल को चंडीगढ़ में शराब व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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