मंत्रिमंडल ने बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) की गणना के लिए इंडेक्सेशन मैकेनिज्म के संशोधन को मंजूरी दी
ईडीसी दरों में हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि करने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मिली मंजूरी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 28 दिसंबर - हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के विभिन्न संभावित क्षेत्रों के बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) की गणना के लिए इंडेक्सेशन मैकेनिज्म के संशोधन को मंजूरी दी गई।
इंडेक्सेशन नीति वर्ष 2015 के लिए ईडीसी दरों पर आधारित थी और इनमें आज तक कोई वृद्धि नहीं की गई थी। इंडेक्सेशन नीति से पहले, ईडीसी दरों में हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाती थी। तदनुसार, मंत्रिमंडल ने अब से हर साल ईडीसी दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मंत्रिमंडल ने भविष्य में इंडेक्सेशन दरों के निर्धारण के लिए आधार ईडीसी दरें तय करने के लिए एक परामर्शदाता की नियुक्ति को भी मंजूरी दी और जब तक आधार ईडीसी दरें निर्धारित नहीं हो जातीं, तब तक हर साल 1 अप्रैल से 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि प्रभावी रहेगी। इस मंजूरी से हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1975 की धारा 9ए के तहत नीति निर्देश जारी करने के साथ-साथ हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन नियम, 1976 में संशोधन करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री, लोक निर्माण (भवन एवं सड़क) मंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री वाली मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों पर इंडेक्सेशन मैकेनिज्म के तहत ईडीसी की दरें तय की गई थीं। वर्ष 2018 में सरकार ने गुरुग्राम और रोहतक सर्कल की ईडीसी दरों के निर्धारण का कार्य आईआईटी दिल्ली और फरीदाबाद, पंचकूला और हिसार सर्कल के लिए आईआईटी रुड़की को सौंपा था। हालांकि, दोनों संस्थानों ने ईडीसी दरों के निर्धारण का कार्य करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण आज तक वही इंडेक्सेशन नीति और ईडीसी दरें जारी रहीं।
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