स्मॉल फ्लैट्स में रहने वालों को नहीं मिलेगा मालिकाना हक: केंद्र सरकार का बड़ा झटका
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 04 फ़रवरी शहर के हजारों गरीब परिवारों को झटका लगा है, क्योंकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पुनर्वास योजना के तहत मिले स्मॉल फ्लैट्स का मालिकाना हक नहीं दिया जाएगा। चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत इन फ्लैट्स के निवासियों को मालिकाना अधिकार दिया जा सके।
झूठे वादों पर भड़के लोग, भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी
बापूधाम सेक्टर-26 की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान कृष्ण लाल ने कहा कि इन फ्लैट्स को पुनर्वास योजना के तहत आवंटित किया गया था, और वर्षों से गरीब परिवार यहां बस चुके हैं। लेकिन अब, केंद्र सरकार के इस फैसले से लोगों के सिर पर बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है।
स्मॉल फ्लैट्स के मालिकाना हक को लेकर पिछले साल भाजपा नेता अरुण सूद ने हर कॉलोनी में प्रचार किया था और लड्डू बंटवाकर लोगों को यह विश्वास दिलाया था कि जल्द ही उन्हें पूर्ण मालिकाना हक मिलेगा। लेकिन अब यह चुनावी वादा एक ढकोसला साबित हो रहा है।
कृष्ण लाल, जो लंबे समय से इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं, ने कहा कि सांसद मनीष तिवारी ने हमेशा गरीबों की लड़ाई लड़ी है, और इस बार भी वे उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने लोगों को झूठे सपने दिखाए और अब जब सच्चाई सामने आ रही है, तो गरीब लोग उनके खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।
क्या है स्मॉल फ्लैट्स योजना?
चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवारों को पुनर्वास योजना के तहत स्मॉल फ्लैट्स आवंटित किए थे। इन फ्लैट्स में रहने वाले लोग वर्षों से मालिकाना हक की मांग कर रहे थे, ताकि वे इन घरों को अपने नाम पर रजिस्टर करा सकें।
अब आगे क्या?
इस मुद्दे को लेकर प्रशासन और केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ सकता है। स्मॉल फ्लैट्स में रहने वाले लोग भाजपा के खिलाफ खुलकर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। अब देखना होगा कि क्या केंद्र सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी या फिर यह विवाद और गहराएगा।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →