बीजेपी का झूठ उजागर: पूर्व महापौर
पुनर्वास कॉलोनियों को मालिकाना हक देने का वादा निकला फरेब
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 5 फरवरी 2025: चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी द्वारा संसद में पूछे गए प्रश्न से यह साफ हो गया है कि बीजेपी ने पुनर्वास कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने के नाम पर सिर्फ झूठ बोला और जनता को गुमराह किया। गृह मंत्रालय की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया कि कॉलोनीवासियों को मालिकाना हक नहीं मिलेगा, जिससे बीजेपी की मंशा और उसकी धोखाधड़ी जनता के सामने आ गई है।
चंडीगढ़ की जनता ने बीजेपी पर विश्वास कर दो बार उन्हें सांसद बनाया और नगर निगम में भी जिताया, लेकिन बदले में उन्हें केवल झूठ और धोखा ही मिला। बीजेपी नेताओं ने लोगों को गुमराह करने के लिए ढोल-नगाड़े बजाए, लड्डू बांटे और यह प्रचारित किया कि कॉलोनियों को मालिकाना हक मिल गया है। लेकिन अब जब सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसी कोई योजना नहीं है, तो बीजेपी के नेता जवाब देने से बच रहे हैं।
पूर्व महापौर कमलेश बनारसी दास ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, "बीजेपी ने गरीब जनता के साथ छल किया है। उन्होंने मकान देने के नाम पर लोगों से 200-200 रुपये लिए, वोट बटोरीं, और अब जब सच सामने आ गया है, तो वे जनता के बीच जाने से डर रहे हैं। क्या उनमें इतनी हिम्मत है कि वे उन्हीं गलियों में जाकर अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें, जहां वे ढोल बजाकर जश्न मना रहे थे?"
कमलेश बनारसी दास ने आगे कहा कि मनीष तिवारी ने सरकारी दस्तावेजों के साथ बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश किया है। उन्होंने कहा, "बीजेपी का असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है। अब जनता को यह समझना होगा कि ये लोग सिर्फ चुनावी फायदे के लिए झूठे वादे करते हैं और गरीबों की भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं।"
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि जब केंद्र में उसकी सरकार आएगी, तो इन कॉलोनीवासियों को मालिकाना हक दिया जाएगा। अब जनता को तय करना है कि उन्हें झूठे वादों वाली बीजेपी चाहिए या हक दिलाने वाली कांग्रेस।
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