बिजली निगमों की देनदारी पर विपक्ष की ग़लत गणना, सरकार ने दिए सही आंकड़े
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 27 मार्च: हरियाणा सरकार ने बिजली निगमों की देनदारी और राज्य की कुल देनदारियों को लेकर विपक्ष द्वारा फैलाए गए भ्रम पर तथ्यात्मक जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष गलत आंकड़े पेश कर जनता को गुमराह कर रहा है।
"46,193 करोड़ नहीं, केवल 461.93 करोड़ रुपये बकाया"
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार का बिजली निगमों (DHBVN और UHBVN) पर बकाया मात्र 383 करोड़ रुपये है, न कि 46,193 करोड़ रुपये, जैसा कि विपक्ष दावा कर रहा है।
उन्होंने बताया कि जिस रिपोर्ट का हवाला दिया जा रहा है, वह 30 जून 2021 की है और उसमें सितंबर 2021 की प्रेजेंटेशन से आंकड़े उठाए गए हैं। जबकि आज की स्थिति में सरकार की बिजली कंपनियों के प्रति देनदारी 383 करोड़ रुपये ही है।
"2014 में बकाया 663 करोड़ था, अब घटकर 383 करोड़"
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2014 में सरकार की बिजली कंपनियों के प्रति देनदारी 663 करोड़ रुपये थी और उस समय दोनों निगमों पर 34,600 करोड़ रुपये का लोन था।
आज यह ऋण घटकर 19,326 करोड़ रुपये रह गया है।
"कैग रिपोर्ट पर विपक्ष का हंगामा अनुचित"
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैग रिपोर्ट पर हाउस में चर्चा नहीं होती, बल्कि इसे पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) द्वारा जांचा जाता है।
"पिछले कार्यकाल में इस कमेटी के अध्यक्ष वरुण चौधरी थे, इस समय अफताब अहमद हैं। यह कमेटी कैग की रिपोर्ट के ऑडिट पॉइंट्स की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट हाउस में प्रस्तुत करेगी।"
"राज्य सरकार का कोई निजी कर्ज नहीं, विपक्ष भ्रम फैला रहा"
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष सरकार की देनदारी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। विपक्ष द्वारा कहा गया कि टोटल लायबिलिटी 10,50,515 करोड़ रुपये हो गई है, जिसमें शेड्यूल बैंक के पर्सनल लोन, कृषि लोन और इंडस्ट्रियल लोन भी जोड़े गए हैं।
उन्होंने बी.बी. बत्तरा से सवाल किया कि क्या उनके समय में भी ये लोन सरकारी देनदारियों में जोड़े जाते थे?
"जनता को कर्जदार बताना गलत, कोई बैंक सरकार से वसूली नहीं कर रहा"
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले कहा गया कि हरियाणा के हर नागरिक पर 2 लाख रुपये का कर्ज है, अब कोई 3 लाख रुपये बताएगा।
"मैं विपक्ष से अनुरोध करता हूँ कि वो ऐसे 5-10 लोगों को लाकर दिखाए जिनसे किसी बैंक ने सरकार के ऋण की वसूली के लिए संपर्क किया हो।"
उन्होंने कहा कि जनता को भ्रमित करना और फिर यह कहना कि हमें उनकी चिंता है – यह ठीक नहीं है। विपक्ष को तथ्यपूर्ण राजनीति करनी चाहिए, न कि भ्रामक दावे।
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