Himachal News: 520 मेगावाट की इन परियोजनाओं के खिलाफ हुई सेव लाहौल स्पीति सोसायटी, कहा -तबाही का रास्ता तैयार करेंगी परियोजनाएं
बाबूशाही ब्यूरो
केलांग(लाहौल स्पीति), 30 मार्च 2025 : "सेव लाहौल स्पीति सोसायटी" हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा तेलंगाना सरकार के साथ मियार (120 मेगावाट) और सेली (400 मेगावाट) जलविद्युत परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के विरोध में आ गई है।
सोसायटी के अध्यक्ष बी एस राणा ने कहा कि यह निर्णय एक तरह से तबाही का रास्ता तैयार करने जैसा है। यह निर्णय क्षेत्र की संवेदनशील जलवायु, पारिस्थितिकी, दुर्लभ वन्य जैव संपदा और जनजातीय अधिकारों पर विचार किए बिना लिया गया है।
इस विरोध का आधार हिमालयी ग्लेशियरों के कोमल और संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र और क्षेत्र के मूल आदिवासी अधिकारों की रक्षा है। जहां ये परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, वहां लाहौल का पूरा क्षेत्र भूकंपीय रूप से बहुत ही संवेदनशील और कमजोर है, जो भूकंप जोन 4 और 5 में आता है। उत्तराखंड और किन्नौर में विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन, और हिमाचल प्रदेश में हाल की बाढ़ और भूस्खलन के मद्देनज़र, लोग इन मेगा जलविद्युत परियोजनाओं का कड़ा विरोध कर रहे हैं।
लाहौल के लोग सतत विकास में विश्वास करते हैं और इको-पर्यटन को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि व्यापक पर्यावरण और जनहित में इस समझौते को रद किया जाना चाहिए। (SBP)
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