Himachal: कुल्लू का नग्गर कैसल दो साल के लिए बंद, सैलानी नहीं कर सकेंगे दीदार, जानिए कारण
एडीबी परियोजना के तहत इमारत की हो रही मरम्मत, देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को करना होगा इंतजार
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस बार मार्च माह के अंत में ही समर सीजन का आगाज हो चुका है। पहले अप्रैल माह तक सर्दी जैसा मौसम जिलाभर में रहता था, लेकिन इस बार अप्रैल माह शुरू होने से पहले ही गर्मी का सीजन चालू हो गया है और बाहरी राज्यों से सैलानी यहां की सुंदरता को निहारने के लिए भी काफी अधिक संख्या में पहुंचने शुरू लगे हैं।
ऐसे में सैलानी जिला कुल्लू के विभिन्न पर्यटन स्थलों का रुख कर रहे हैं, लेकिन इस सबके बीच एक ऐतिहासिक इमारत के दीदार अब सैलानियों को आगामी दो साल तक नहीं हो पाएंगे।
जिला कुल्लू की पुरातन राजधानी नग्गर में ‘नग्गर कैसल’ के नाम से यह इमारत मशहूर है और इसके मरम्मत कार्य को लेकर फिलहाल इसे दो साल के लिए बंद कर दिया गया है। पर्यटन विभाग द्वारा इसके जीर्णोद्धार को लेकर टेंडर जारी कर दिया गए हैं। ऐसे में अब पुरानी शैली की इस इमारत की जहां मरम्मत होगी, वहीं यहां पर वेलनैस सेंटर का भी निर्माण होगा, ताकि सैलानी यहां घूमने फिरने के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ध्यान रख सकें।
16वीं शताब्दी में हुआ निर्माण
इस किले का निर्माण राजा सिद्ध सिंह ने 16वीं शताब्दी में किया था। 17वीं शताब्दी के मध्य तक राजा महाराजा इसे शाही महल और शाही मुख्यालय के तौर पर प्रयोग करते थे। बाद में इसे कुल्लू के राजा जगत सिंह ने अपनी राजधानी बनाया। नग्गर कैसल का यह किला 1905 में आए भयंकर भूकंप में भी खड़ा रहा और इस किले को कोई नुकसान नहीं हुआ था। यहां का इतिहास किले की दीवारों पर दर्शाया गया है। यहां घूमने आने वाले पर्यटकों को भी कैसल की निर्माण शैली काफी पसंद आती है। अब इसे पर्यटन विभाग के हवाले किया गया है। (SBP)
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