Himachal News: कांगड़ा में बन रहे भारत के पहले IGBC-चिड़ियाघर में दिखेंगे विदेशी जीव
बाबूशाही ब्यूरो
धर्मशाला, 01 अप्रैल 2025 : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बनखंडी स्थित दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान में देशी ही नहीं, विदेशी पशु-पक्षी भी देखने को मिलेंगे। यह भारत का पहला इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) पंजीकृत चिड़ियाघर होगा।
इसके लिए ब्राजील से मार्मोसेट, अमेरिका से स्पाइडर मंकी और फिलीपींस से मैको पक्षी लाए जाएंगे। इसके अलावा, दिल्ली चिड़ियाघर से काला हिरण, हॉग हिरण, रॉक पाइथन, चितकबरा हिरण और पेंटेड स्टार्क को भी लाने की योजना है। इस परियोजना को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से मंजूरी मिल चुकी है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
एक वर्ष के भीतर बनने वाले इस चिड़ियाघर में पर्यटक 78 विभिन्न प्रजातियों के पशु-पक्षियों को देख सकेंगे। इनके लिए कुल 43 बाड़े बनाए जाएंगे, जिनमें 17 वन वैभव पथ ब्लॉक में और 26 बायोडायवर्सिटी ब्लॉक में होंगे। इसके अलावा, चिड़ियाघर का 10% भाग विदेशी प्रजातियों के लिए आरक्षित रहेगा। परियोजना के दूसरे चरण में वॉकिंग एक्वेरियम बनाया जाएगा, जहां पर्यटक चलते हुए जल जीवों को देख सकेंगे।
करीब 75 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस चिड़ियाघर में सुगम आवागमन के लिए ई-कार्ट सुविधा उपलब्ध होगी। वहीं, प्रवेश द्वार पर कांगड़ा विलेज थीम आधारित कैफेटेरिया, पार्किंग और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जहां स्थानीय पारंपरिक व्यंजन भी परोसे जाएंगे।
विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस होगा चिड़ियाघर
दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान को विश्व स्तरीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य मिशन मोड पर चल रहा है और इसे एक वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है। केंद्र सरकार से सभी आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त हो चुकी हैं। वन्यप्राणी विभाग के प्रधान अरण्यपाल अमिताभ गौतम ने बताया कि यह चिड़ियाघर हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को एक नया आकर्षण देगा।
619 करोड़ की लागत से होगा निर्माण
इस परियोजना के लिए 619 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की गई है। पहले चरण में पशु अस्पताल, प्रशासनिक भवन और क्वारंटीन सेंटर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) इस निर्माण कार्य को देख रहा है। चिड़ियाघर के भीतर पशु बाड़ों के आकार और अन्य आवश्यकताओं को लेकर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। (SBP)
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