चंडीगढ़ में बाहरी वाहनों पर ट्रैफिक पुलिस की सख्ती, जनता में बढ़ी नाराजगी
स्लिप रोड बनी ट्रैफिक पुलिस की चेकिंग का नया अड्डा, कैमरों से बचकर हो रही कार्रवाई
हरियाणा-पंजाब की गाड़ियों पर कड़ी नजर, चालानों से परेशान लोगों ने डीजीपी से की शिकायत
रमेश गोयत
चंडीगढ़,01 अप्रैल। चंडीगढ़ पुलिस की कार्यशैली को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में हरियाणा के कुछ विधायकों के साथ ट्रैफिक पुलिस की बहसबाजी का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक देखी गई। विधायकों का आरोप है कि पुलिस अधिकारी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और अनुचित तरीके से गाड़ी रोककर परेशान किया गया। आरोप है कि पुलिस कर्मी ने उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया भी किया।
यह घटना कोई नई नहीं है। चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस पर आए दिन बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों को अनावश्यक रूप से रोककर परेशान करने के आरोप लगते रहे हैं। सड़क पर चलते वाहन चालकों को वॉयलेशन के नाम पर रोका जाता है और ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की जाती है। यह स्थिति शहरभर में देखने को मिलती है, जहां बाहरी नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को विशेष रूप से निशाना बनाया जाता है। यह सब कार्य मुख्य मार्गों पर कैमरा से दूर हटकर स्लिप रोड पर चल रहा है।
लोगों को कहना कि पुलिस का काम वाहन चालकों को जागरूक करने व जाम न लगने के लिए ड्यूटी लगाई जाती है। मगर इन कामों को छोड़कर हर जंक्शन पर तैनात पुलिस कर्मचारियों की नजर बाहरी नंबर की गाड़ी की नंबर प्लेट देखते ही रुकवाने पर होती है। हरियाणा के कांग्रेस प्रवक्ता सुरेश रोड ने कहा कि चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस इन दिनों वायलेशन के नाम पर बाहरी राज्यों की गाड़ियों को रोककर चेकिंग के बहाने परेशान कर रही है। शहर के कई इलाकों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और अन्य प्रदेशों के वाहनों को बीच सड़क पर ही रोक लिया जाता है। सुरेश ने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया व चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी सुरेंद्र यादव से मांग करते हुए कहा है की पुलिस का काम वाहनों की चेकिंग करने का भी है, मगर कुछ पुलिस कर्मचारी वाहनों की चेकिंग के बहाने हरियाणा, पंजाब व अन्य प्रदेशों से चंडीगढ़ में आने वाले वाहन चालकों को परेशान करते हैं जो कि गलत है। डीजीपी ने इस मामले में गंभीरता से लेते हुए ऐसे कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जो चंडीगढ़ पुलिस की इमेज को खराब करते हैं।
स्मार्ट सिटी में पुराने सिस्टम से बाहर नहीं निकल रही पुलिस
चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 295 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस अभी भी पुराने सिस्टम से बाहर नहीं निकल पा रही है। शहर में जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से लाखों चालान किए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद पुलिसकर्मी सड़क पर वाहनों को रोककर चालकों से कागजात मांगते नजर आते हैं। कई लोगों का कहना है कि पुलिसकर्मी कैमरों के खराब होने का बहाना बनाकर गाड़ियों को रोकते हैं और बेवजह पूछताछ करते हैं। इस काम में सबसे अधिक मोहाली जीरकपुर वे पंचकूला की तरफ से आने वालों चालकों को टारगेट किया जाता है।
होमगार्ड व पुलिस के जवान सड़क पर रोकते हैं वाहन
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस और होमगार्ड के जवान सड़क के बीच में खड़े होकर वाहनों को रोकते हैं और उन्हें लाइन में लगाकर दस्तावेज दिखाने को मजबूर करते हैं। बाहरी राज्यों से आने वाले वाहन चालक पुलिस से बहस नहीं कर सकते, क्योंकि वे शहर में अनावश्यक विवाद में नहीं पड़ना चाहते। कई मामलों में, गाड़ी चालक पुलिस से पीछा छुड़ाने के लिए ‘सेटिंग’ का सहारा लेने की बात भी करते हैं।
पुलिस विभाग ने दिया बयान
चंडीगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि कुछ भ्रष्ट कर्मचारी पूरे विभाग की छवि को खराब कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा अनावश्यक रूप से वाहनों को रोका जा रहा है, तो इसकी शिकायत की जा सकती है।
शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाया जा रहा है, लेकिन पुलिस का यह रवैया वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। प्रशासन को इस समस्या पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है, ताकि ट्रैफिक व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे और अनावश्यक उत्पीड़न को रोका जा सके।
मध्य मार्ग सेक्टर 26 और अन्य इलाकों में हो रही चेकिंग
मध्य मार्ग सेक्टर-26, जंक्शन-42 को चंडीगढ़ बॉर्डर की तरह बना दिया गया है, जहां बाहरी राज्यों के वाहनों की खास तौर पर चेकिंग की जा रही है। इसके अलावा जीरकपुर बॉडर, इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1, एचडीएफसी बैंक के पास, ट्रिब्यून चौक, मनीमाजरा हाउसिंग बोर्ड, संत कबीर स्कूल चौक, मटका चौक, पीजीआई चौक और अन्य प्रमुख जगहों पर यह कार्रवाई चल रही है।
व्यापारियों में बढ़ी नाराजगी
चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया और सेक्टर-18 के व्यापारियों का कहना है कि चंडीगढ़ पुलिस की गैरकानूनी चेकिंग से परेशान होकर कई व्यवसायी मोहाली और जीरकपुर की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि वे अब अपनी व्यापारिक डील पंचकूला, जीरकपुर और मोहाली में करना पसंद कर रहे हैं, जिससे चंडीगढ़ के व्यापार को भारी नुकसान हो रहा है।
300 करोड़ की लागत से लगे कैमरे बेकार?
चंडीगढ़ पुलिस प्रशासन ने वाहनों की चेकिंग के लिए 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। लेकिन अब पुलिस इन कैमरों की खराबी का बहाना बनाकर जगह-जगह मैनुअल चेकिंग कर रही है, जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है।
2024 में रिकॉर्ड चालान, करोड़ों की वसूली
ट्रैफिक पुलिस ने साल 2024 में रिकॉर्ड 9,85,451 चालान काटे। इन चालानों से 23.03 करोड़ रुपये की कमाई हुई। वर्ष 2023 में 9,55,487 चालान किए गए थे, जिससे 10.40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। 2021 में 2,32,319 चालानों से 12.51 करोड़ और 2022 में 6,02,454 चालानों से 11.13 करोड़ रुपये वसूले गए थे।
बढ़ते चालान और चेकिंग पर सवाल
शहर में लगातार बढ़ रही चालान की संख्या और ट्रैफिक पुलिस की सख्ती पर लोग सवाल उठा रहे हैं। वाहन चालकों का कहना है कि पुलिस वसूली के मकसद से बाहरी राज्यों के वाहनों को निशाना बना रही है, जिससे चंडीगढ़ में आने वाले लोग असहज महसूस कर रहे हैं।
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