एचकेआरएन के तहत कार्यरत कर्मचारियों को हटाने में लगी है भाजपा सरकार: कुमारी सैलजा
कहा-पहले दी 58 साल तक सुरक्षा की गारंटी, अब तुगलकी फरमान जारी कर छीनी नौकरी
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 01 अप्रैल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि एक ओर प्रदेश की भाजपा सरकार हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा की गारंटी दे रही हैै तो दूसरी ओर विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को नौकरी से हटाने में लगी हुई है, यह सरकार झूठी घोषणाएं कर लोगों को गुमराह कर रही है, इस जुमलेबाज सरकार की असलियत अब जनता के सामने आ चुकी है। कांग्रेस हटाए गए कर्मचारियों के साथ खड़ी है और न्याय मिलने तक उनके संघर्ष में साथ रहेगी।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि भाजपा सरकार चाहे केंद्र की हो चाहे हरियाणा की उसका एक सूत्रीय कार्यक्रम में कि झूठी घोषणएं कर जनता को गुमराह कर सत्ता हासिल करो। इस सरकार का खुद का कार्यकाल इस बात का गवाह है कि भाजपा सरकार ने जो भी वायदा किया झूठा किया। पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने घोषणा की थी कि 15 अगस्त 2024 तक पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले एचकेआरएन कर्मचारियों को नौकरी से नहीं हटाया जाएगा उन्हें 58 साल तक सुरक्षा की गारंटी दी थी। जनवरी माह में सरकार ने विभिन्न विभागों में एचकेआरएन के तहत कार्यरत सैकडो कर्मचारियों को हटा दिया था, तब हटाए गए कर्मचारियों ने रोष प्रदर्शन भी किया था पर सरकार ने एक न सुनी। अब हरियाणा कौशल रोजगार निगम द्वारा वन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को ईद के पवित्र त्योहार पर बड़ा झटका देते हुए नौकरी से हटा दिया जिसमें सिरसा के रानियां ब्लाक के साम कर्मचारी भी शामिल है। पंचकूला मुख्यालय के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने इन कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी किया है।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि अब एचकेआरन के तहत विभिन्न विभागों में कार्यरत करीब 1200 कर्मचारियों को हटाया गया है। कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है। कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारियों से किया गया वायदा करके ही भूल गई, ऐसा भाजपा जानबूझकर करती हैै। भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि किसी भी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति की उम्र तक नहीं हटाया जाएगा। पर अब जो सरकार ने फैसला किया है उसे तुगलकी फरमान ही कहा जा सकता है। अगर कर्मचारियों को नौकरी से हटाना ही था तो उनसे सुरक्षा की गारंटी का वायदा क्यों किया था। कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार ने नियमित भर्ती न करके एचकेआरएन के तहत एक लाख 20 हजार को रोजगार दिया था, सरकार ने समान काम समान वेतन की नीति को ताक पर रखकर उनका शोषणा किया। कुमारी सैलजा ने कहा कि नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों को पुन: नियुक्त किया जाए और अन्य कर्मचारियों को सुरक्षा की गारंटी प्रदान की जाए।
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