स्कूली किताबों की खरीद पर नेशनल ह्यूमन राइट्स सोशल जस्टिस काउंसिल ऑफ इंडिया ने जताई चिंता
अभिभावकों को मिल रही दिक्कतों पर प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 01 अप्रैल। नेशनल ह्यूमन राइट्स सोशल जस्टिस काउंसिल ऑफ इंडिया चंडीगढ़ के अध्यक्ष कमलजीत सिंह पंछी ने स्कूली किताबों की खरीद में आ रही समस्याओं पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी स्कूलों और किताब विक्रेताओं के बीच मिलीभगत के कारण अभिभावकों को महंगी दरों पर किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
अभिभावकों के लिए परेशानी क्यों?
सीमित दुकानों को ही पाठ्यपुस्तकें बेचने की अनुमति।
मोनोपॉली के कारण ऊंची कीमतों पर किताबें खरीदने की मजबूरी।
स्कूल यूनिफॉर्म भी गिने-चुने विक्रेताओं से ही उपलब्ध, जिससे खर्च बढ़ता है।
काउंसिल की मांग
कमलजीत सिंह पंछी और काउंसिल के अन्य सदस्यों ने चंडीगढ़ प्रशासन से मांग की है कि:
सभी किताबों की दुकानों पर स्कूली पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं।
स्कूलों में भी किताबों की बिक्री की व्यवस्था हो।
अभिभावकों को लंबी कतारों और महंगी किताबों की समस्या से बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
प्रशासन से दखल की जरूरत
काउंसिल के महासचिव एलसी अरोड़ा ने कहा कि शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी और सुगम बनाना प्रशासन की जिम्मेदारी है। बच्चों को उनकी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को ठोस नीति बनानी चाहिए।
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