पंचकूला के एकांश ढुल का एक बार फिर यूपीएससी में हुआ चयन, 295वां रैंक हासिल किया
रमेश गोयत
पंचकूला। पंचकूला के एकांश ढुल ने एक बार फिर यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा में सफलता प्राप्त की है और इस बार उन्होंने 295वां रैंक हासिल किया है। यह उनकी दूसरी कोशिश थी, इससे पहले उन्होंने यूपीएससी में 342वां रैंक हासिल किया था। एकांश की इस सफलता ने न केवल उनके परिवार, बल्कि प्रदेश का नाम भी रोशन किया है।
भा.ज.पा. नेता कृष्ण ढुल के बेटे हैं एकांश
एकांश ढुल, जो भारतीय जनता पार्टी के नेता कृष्ण ढुल के बेटे हैं, ने अपने कठिन परिश्रम और समर्पण के साथ यह उपलब्धि हासिल की है। उनके परिवार और रिश्तेदारों ने उनके इस सफलता पर उन्हें बधाई दी और उनके प्रयासों को सराहा।
शिक्षा का सफर और तैयारी की कहानी
एकांश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चंडीगढ़ के भवन विद्यालय (सेक्टर-27) से 10वीं कक्षा तक प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने सेंट कबीर स्कूल (सेक्टर-26) से 12वीं कक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए ऑनर्स की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग ली, लेकिन उनका मानना है कि आत्म-अध्ययन और अनुशासन ही सफलता की असली कुंजी है।
सफलता की कुंजी – आत्मविश्वास और असफलता से सीखना
एकांश का कहना है कि “पहली बार की सफलता से बहुत कुछ सीखा, लेकिन संतोष नहीं मिला। इसलिए खुद से वादा किया कि अगली बार और बेहतर करूंगा और वही हुआ।” उन्होंने बताया कि असफलता से डरने की बजाय उससे सीखना चाहिए, क्योंकि यही असफलताएं सफलता की ओर एक कदम और बढ़ाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मविश्वास बनाए रखना और निरंतर मेहनत करना इस रास्ते की सबसे महत्वपूर्ण बातें हैं।
संघर्ष और समर्पण की प्रेरणादायक कहानी
एकांश की सफलता केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि उनके परिवार के समर्थन और उनकी मेहनत का भी परिणाम है। उन्होंने अपनी पिछली असफलताओं से सीखते हुए यूपीएससी के इस कठिन सफर में एक नई राह बनाई है। उनका यह संदेश है कि अगर प्रयास सच्चे हों, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।
एकांश ढुल की यह सफलता न केवल उनकी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है, बल्कि यह हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखता है और उन्हें पूरा करने के लिए कठिनाईयों से जूझता है।
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