श्रीनगर: पहलगाम में आतंकियों का कायराना हमला — एक पर्यटक की मौत, दर्जनभर घायल
बाबूशाही ब्यूरो
श्रीनगर, 22 अप्रैल।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को आतंकवाद की एक बार फिर काली छाया पड़ी। खूबसूरत वादियों का आनंद लेने पहुंचे निर्दोष पर्यटकों पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इस हमले में एक पर्यटक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब एक दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, यह आतंकी हमला बैसरन के घास के मैदान में हुआ, जो पहलगाम से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और जहां केवल पैदल या घोड़ों के माध्यम से ही पहुंचा जा सकता है। हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
हमले का तरीका और प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पर्यटकों का एक समूह सुबह बैसरन की ओर निकला था, और कुछ ही देर बाद घने पेड़ों के बीच से दो अज्ञात बंदूकधारियों ने नजदीक से उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। अचानक हुई इस गोलीबारी से वहां अफरातफरी मच गई। पर्यटक जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे, लेकिन तब तक एक व्यक्ति की जान जा चुकी थी और कई घायल हो चुके थे।
घायलों की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती
घायलों को हेलीकॉप्टर और स्ट्रेचरों की मदद से निकटवर्ती अस्पतालों में पहुंचाया गया है। कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। श्रीनगर से मेडिकल टीमें भी रवाना की गई हैं। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
पर्यटन सीजन में आतंकी मंशा पर सवाल
यह हमला ऐसे वक्त हुआ है जब घाटी में पर्यटन का सीजन चरम पर है। पहलगाम, गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों पर इन दिनों देशभर से हजारों पर्यटक पहुंच रहे हैं। ऐसे में आतंकियों का यह हमला साफ संकेत देता है कि वे जम्मू-कश्मीर की शांति और पर्यटन को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि "इस बर्बर और कायराना हरकत का जवाब दिया जाएगा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
हमले के बाद केंद्र और राज्य स्तर पर सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पहलगाम सहित सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है। खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि हमले में शामिल आतंकी किस संगठन से जुड़े थे और उनका नेटवर्क कहां तक फैला हुआ है।
यह आतंकी हमला न केवल जम्मू-कश्मीर की शांति के लिए एक चुनौती है, बल्कि उन सैलानियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है, जो अपनी छुट्टियों को यादगार बनाने घाटी की वादियों में पहुंचते हैं। सवाल यह है कि क्या यह हमला आने वाले लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश भी हो सकती है?
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