हाईकोर्ट की सरकार को फटकार: बिना कारण सस्पेंड करना असंवैधानिक, इंजीनियर हरिदत्त को बहाल करने के आदेश
— कोर्ट ने हरियाणा सरकार का सस्पेंशन ऑर्डर किया रद्द: एडवोकेट दीपक गोयत
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 22 अप्रैल 2025:
हरियाणा सरकार को मंगलवार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा जब न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर हरिदत्त को निलंबित करने के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस सस्पेंशन को "मनमानी और असंवैधानिक" करार देते हुए स्पष्ट किया कि बिना कारण बताए और बिना शो-कॉज नोटिस दिए किसी सरकारी अधिकारी को निलंबित करना संविधान के अनुच्छेदों और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है।
यह फैसला वरिष्ठ अधिवक्ताओं अश्वनी तलवार, दीपक गोयत और निखिल सहरावत की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद आया। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि हरिदत्त का निलंबन न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह राजनीतिक दबाव का परिणाम है।
गौरतलब है कि एसई हरिदत्त को शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का फोन न उठाने के आरोप में बिजली मंत्री अनिल विज के आदेश पर सस्पेंड किया गया था। इसपर अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “इस प्रकार की कार्रवाई अधिकारी की प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने वाली है।”
एडवोकेट दीपक गोयत ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह निर्णय न्यायपालिका की निष्पक्षता और प्रशासनिक पारदर्शिता को दर्शाता है। हमने शुरू से कहा था कि यह निलंबन कानून का घोर उल्लंघन है।”
कोर्ट के आदेश के अनुसार, हरिदत्त को तत्काल प्रभाव से सेवा में बहाल किया जाएगा। यदि आवश्यक हो, तो विभागीय जांच नियमानुसार की जा सकती है, लेकिन वह भी उचित प्रक्रिया के तहत होनी चाहिए।
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