पंजाब यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण को लेकर गरमाया मुद्दा, विजय बंसल ने दिया प्रदर्शन को समर्थन
रमेश गोयत
चंडीगढ़/पंचकूला, 13 अप्रैल 2025:
पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में हरियाणा के ओबीसी वर्ग के छात्रों को दाखिलों और नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर चल रहा धरना लगातार तेज होता जा रहा है। शनिवार को शिवालिक विकास मंच के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमैन विजय बंसल एडवोकेट ने धरनास्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन दिया।
धरना स्थल पर मौजूद राज कुमार सैनी, बलविंदर सिंह मुल्तानी, एल.आर. बुडानिया, डॉ. कुलविंदर सिंह और डॉ. सुधीर मेहरा सहित कई ओबीसी प्रतिनिधियों ने विजय बंसल को बताया कि पंजाब विश्वविद्यालय में फिलहाल ओबीसी वर्ग के लिए ना तो दाखिलों में और ना ही नौकरियों में कोई आरक्षण लागू है, जबकि इस संबंध में गठित उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को भी नजरअंदाज किया जा चुका है।
बंसल ने लगाया केंद्र पर भेदभाव का आरोप
विजय बंसल ने कहा, "यह केवल आरक्षण का सवाल नहीं, बल्कि ओबीसी वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का मामला है। केंद्र सरकार का यह रवैया ओबीसी वर्ग के साथ धोखा और हक़ों का हनन है।" उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा प्रो. अशोक कुमार की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने 8 मई 2024 को दाखिलों और भर्तियों में 27% आरक्षण की सिफारिश की थी, जिसमें से 12% आरक्षण पंजाब राज्य के ओबीसी के लिए रखा गया था।
सिफारिशें नजरअंदाज, नियुक्तियां बिना आरक्षण के
बंसल ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने विज्ञापन संख्या 01/2023 और 02/2024 के तहत भर्ती प्रक्रियाएं चलाईं, लेकिन उनमें ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया गया। उन्होंने इसे असंवैधानिक और अनैतिक करार देते हुए कहा कि यह जानबूझकर किया गया प्रयास है, ताकि पिछड़ा वर्ग अपने अधिकारों से वंचित रह जाए।
हरियाणा को भी मिले 12% आरक्षण की मांग
विजय बंसल ने स्पष्ट किया कि यदि पंजाब के ओबीसी वर्ग को 12% आरक्षण दिया गया है, तो हरियाणा के छात्रों को भी समान रूप से आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह संविधान के समानता के सिद्धांत के खिलाफ है कि एक ही विश्वविद्यालय में दो राज्यों के छात्रों के लिए भेदभावपूर्ण नीति अपनाई जाए।”
विश्वविद्यालय प्रशासन ने दिया था लिखित आश्वासन
बंसल ने बताया कि डीन स्टूडेंट वेलफेयर और पीयू रजिस्ट्रार ने अगस्त 2024 के अंत तक आरक्षण लागू करने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। छात्रों को सिर्फ मौखिक और लिखित आश्वासन देकर बहलाया गया, जबकि नियुक्तियां जारी रहीं।
विजय बंसल के साथ तेजभान गांधी, गुरुप्यारा, अजय बब्बल और राज कुमार सैनी जैसे नेता भी धरनास्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों का हौसला बढ़ाया। सभी ने एक स्वर में मांग की कि ओबीसी आरक्षण को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए और जब तक यह नहीं होता, विश्वविद्यालय की भर्तियों को रोका जाए।
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