फरीदाबाद की जमाई कॉलोनी में नगर निगम का बुलडोजर चला, 50 साल पुरानी मस्जिद सहित अवैध निर्माण ध्वस्त
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कार्रवाई, स्थानीय लोगों में नाराज़गी
बाबूशाही ब्यूरो
फरीदाबाद, 16 अप्रैल:
हरियाणा के फरीदाबाद जिले की जमाई कॉलोनी में मंगलवार सुबह नगर निगम ने सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माणों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया। इस दौरान नगर निगम ने करीब 50 साल पुरानी अक्सा मस्जिद को भी ध्वस्त कर दिया, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
कार्रवाई के दौरान तीन एसीपी रैंक के अधिकारियों की अगुवाई में करीब 250 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात रहे। पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने कॉलोनी में कई अवैध मकानों और ढांचों को गिराया, जिसमें 40x80 वर्ग गज क्षेत्र में बनी मस्जिद भी शामिल थी।
स्थानीय निवासियों ने जताई नाराज़गी
स्थानीय निवासी मुश्ताक ने बताया कि यह मामला पिछले 20-25 वर्षों से कोर्ट में विचाराधीन है और पहले कहा गया था कि मस्जिद को नहीं तोड़ा जाएगा। बावजूद इसके, अचानक भारी पुलिस बल के साथ मस्जिद को भी निशाना बनाया गया।
वहीं गांव बड़खल के पूर्व सरपंच रक्का ने बताया कि मस्जिद के साथ करीब 600-700 गज की भूमि पर बने अन्य ढांचे भी तोड़े गए। बड़खल गांव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मामले की पैरवी कर रही एक 17-18 सदस्यों की कमेटी भी इस विवाद में शामिल है।
कड़ी सुरक्षा में हुई कार्रवाई
इलाके में किसी भी उपद्रव की आशंका को देखते हुए पुलिस ने पूरे क्षेत्र को सील कर दिया। स्थानीय निवासी अरमान के मुताबिक, कार्रवाई के दौरान 100 मीटर के दायरे में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध था और पुलिस ने सख्ती से निर्देश दिए कि अगर कोई उस क्षेत्र में आया तो लाठीचार्ज किया जाएगा।
नगर निगम ने दी सफाई
नगर निगम के लीगल एडवाइजर सतीश आचार्य ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों के खिलाफ थी। उन्होंने बताया कि यह इलाका रिजर्व फॉरेस्ट एरिया के अंतर्गत आता है जहां किसी भी प्रकार का निर्माण प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा, "यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है। भविष्य में भी सरकारी ज़मीन पर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।"
मस्जिद तोड़े जाने पर बढ़ सकता है विवाद
मस्जिद गिराए जाने को लेकर स्थानीय लोगों में नाराज़गी है और इसे धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मुद्दा बताया जा रहा है। हालांकि अब तक कोई हिंसक घटना सामने नहीं आई है, लेकिन पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
यह मामला अब कानूनी और सामाजिक दोनों स्तरों पर संवेदनशील बनता जा रहा है और देखना होगा कि आने वाले दिनों में प्रशासन और स्थानीय समुदाय के बीच संवाद की क्या दिशा निकलती है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →