हिसार एयरपोर्ट हो या यमुनानगर का थर्मल प्लांट सब काँग्रेस सरकार की देन – दीपेन्द्र हुड्डा
2013 में भारत सरकार की कैबिनेट ने महम इंटरनेशनल एयरपोर्ट, हिसार व करनाल में घरेलू एयरपोर्ट को मंजूर किया था – दीपेन्द्र हुड्डा
·3 साल में बनने वाले हिसार एयरपोर्ट का उद्घाटन मंजूरी तिथि के 11 साल बाद हुआ, जबकि करनाल एयरपोर्ट का काम ठंडे बस्ते में – दीपेन्द्र हुड्डा
· 27 जुलाई 2012 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा व तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री अजीत सिंह हिसार व करनाल हवाई पट्टी को घरेलू हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने का फैसला किया – दीपेन्द्र हुड्डा
·हिसार एयरपोर्ट पर 180 करोड़ रुपये के बिना नींव वाली बाउंड्री वॉल घोटाले की जांच क्यों नहीं हुई- दीपेन्द्र हुड्डा
· कांग्रेस सरकार में मंजूरशुदा महम इंटरनेशनल एयरपोर्ट हरियाणा से उत्तर प्रदेश ले जाने पर प्रधानमंत्री चुप क्यों – दीपेन्द्र हुड्डा
कांग्रेस सरकार के समय 4 थर्मल पॉवर प्लांट और एक परमाणु बिजली संयंत्र लगाकर प्रदेश को पॉवर सरप्लस राज्य बनाया- दीपेन्द्र हुड्डा
पिछले 11 वर्षों में बीजेपी सरकारों ने बिजली महँगी करने के अलावा एक नयी यूनिट बिजली भी पैदा नहीं की - दीपेन्द्र हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 14 अप्रैल। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हिसार एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि हिसार एयरपोर्ट हो या यमुनानगर का थर्मल पावर प्लांट ये सब काम काँग्रेस सरकार की देन है। भारत सरकार की कैबिनेट ने हिसार व करनाल एयरपोर्ट और महम इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 2013 में मंजूर किया था। हिसार एयरपोर्ट तीन साल में बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन मंजूरी तिथि के 11 साल बाद और कई बार अलग-अलग मौकों पर उद्घाटन कराने के बाद अब अब आनन-फानन में प्रधानमंत्री जी से फिर उद्घाटन कराया गया। जबकि करनाल एयरपोर्ट का काम आज भी ठंडे बस्ते में है। उन्होंने कहा कि हिसार एयरपोर्ट पर नाईट लैंडिंग की व्यवस्था तक नहीं है। और तो और हाल ही में एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल के निर्माण में 180 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ। लेकिन इसकी कोई जांच तक क्यों नहीं हुई? यहाँ बिना नींव वाली बाउंड्री वॉल बनाकर एयरपोर्ट की सुरक्षा के साथ ही हवाई जहाज से यात्रा करने वालों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया गया। क्योंकि विमान टेक ऑफ या लेंड करते समय यदि कोई जानवर हवाई पट्टी पर आ गया तो बड़ा हादसा हो सकता है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री कांग्रेस सरकार को कोसने की बजाय हिसार एयरपोर्ट को देश के ‘कार्गो एयरपोर्ट’ का दर्जा देने की घोषणा करते तो उन्हें खुशी होती।
उन्होंने ने यह भी कहा कि 27 जुलाई 2012 को हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा व तत्कालीन नागरिक विमानन मंत्री चौ. अजीत सिंह ने बैठक करके हिसार व करनाल हवाई पट्टी को उन्नत कर घरेलू हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था। लेकिन हिसार के साथ ही मंजूर हुए करनाल एयरपोर्ट का पिछले 11 साल में कोई काम नहीं हुआ और वो कागजों में ही पड़ा हुआ है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कांग्रेस सरकार के समय ही मंजूर हुए महम इंटरनेशनल एयरपोर्ट को हरियाणा से उत्तर प्रदेश भेजने पर रोष जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी बताया कि यमुनानगर पावर प्लांट का शिलान्यास व उद्घाटन भी काँग्रेस सरकार के समय ही हुआ था, जहां आज प्रधानमंत्री जी ने एक इकाई का शिलान्यास किया है। कांग्रेस सरकार ने जब यमुनानगर पावर प्लांट बनवाया तो उसी समय अतिरिक्त इकाई के लिए 1,011 एकड़ जमीन, रेलवे लाईन, कोयले की उपलब्धता का भी प्रबंध कर दिया था। लेकिन बीजेपी सरकार ने यमुना नगर थर्मल पॉवर प्लांट में 800 मेगावॉट इकाई लगाने में 11 साल की देरी की और तो और प्रधानमंत्री कार्यालय व सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) हरियाणा द्वारा यमुना नगर में प्लांट लगाने का विरोध भी किया था। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में बीजेपी सरकारों ने बिजली महँगी करने के अलावा एक नयी यूनिट बिजली भी पैदा नहीं की।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में 2005 – 2014 के बीच कांग्रेस सरकार के समय 4 थर्मल पॉवर प्लांट और एक परमाणु बिजली संयंत्र लगाकर प्रदेश को पॉवर सरप्लस राज्य बनाया, बल्कि निजी कंपनियों के साथ सस्ती दरों पर दीर्घकालीन समझौता कर हरियाणा को 24 घंटे सस्ती व सुलभ बिजली दिलाने का प्रबंध किया गया। इसके तहत खेदड़ हिसार में राजीव गांधी थर्मल पॉवर - 1200 मेगावाट, झज्जर स्थित इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर -1500 मेगावाट, झज्जर स्थित महात्मां गांधी सुपर थर्मल पावर -1320 मेगावाट, दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर यमुनानगर - 600 मेगावाट, पानीपत थर्मल पावर स्टेज 6 - 250 मेगावाट के बिजली कारखाने लगवाये। इतना ही नहीं, कभी कोयले का संकट आ जाए तो प्रदेश के लोगों को बिजली की कोई दिक्कत न हो इसके लिए ही कांग्रेस सरकार ने भारत अमेरिका समझौते के तहत देश का पहला परमाणु पावर प्लांट फतेहाबाद के गांव गोरखपुर में मंजूर कराकर काम शुरु कराया जो 2800 मेगावाट क्षमता का है।
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