चंडीगढ़ के शिक्षकों की आवाज दिल्ली तक पहुंची: दो यूनियनों ने गृह मंत्री के नाम सौंपा मांगपत्र
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 15 अप्रैल:
गवर्नमेंट टीचर्स यूनियन और यूटी कैडर एजुकेशनल एम्प्लाइज यूनियन, चंडीगढ़ की संयुक्त लीडरशिप ने शिक्षकों की समस्याओं और लंबित मांगों को लेकर एक अहम कदम उठाया है। यूनियनों ने एक संयुक्त पत्र भारत के गृह मंत्री अमित शाह, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और चंडीगढ़ यूटी के मुख्य सचिव के नाम लिखा और यह पत्र भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल श्री सतपाल जैन को सौंपा। उन्होंने निवेदन किया कि यह मुद्दा केंद्र सरकार तक प्राथमिकता से पहुंचाया जाए।
यूनियनों की प्रमुख मांग है कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में डेपुटेशन कोटा समाप्त किया जाए, जिसे हाल ही में नए भर्ती नियमों में फिर से लागू कर दिया गया है, जबकि केंद्रीय नियमों में इसका कोई प्रावधान नहीं है। इससे यूटी के मूल कर्मचारियों के प्रमोशनल और डायरेक्ट पदों पर प्रतिनियुक्ति कर्मचारियों को प्राथमिकता मिल रही है, जिससे स्थायी कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।
प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
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2022 से पहले अर्जित मेडिकल लीव को मान्यता:
केंद्रीय नियम लागू होने से पहले शिक्षकों द्वारा अर्जित अर्ध वेतन अवकाश और मेडिकल लीव को सेवा पुस्तिका के अनुसार मान्यता दी जाए।
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डेपुटेशन पूरा होने पर वापसी अनिवार्य:
प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारियों को 5 वर्षों की निर्धारित अवधि के बाद उनके मूल राज्यों में वापस भेजा जाए, और किसी भी प्रकार का विस्तार न दिया जाए।
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प्रधानाध्यापकों को उप-प्रधानाचार्य के समकक्ष वेतनमान:
केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरूप, वर्तमान में कार्यरत प्रधानाध्यापकों को उप-प्रधानाचार्य के वेतनमान में उन्नयन मिले।
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उप-प्रधानाचार्य के पद का सृजन:
चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में प्रभावी प्रशासन के लिए “वाइस प्रिंसिपल” का पद सृजित किया जाए।
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प्राचार्य के पद के लिए डीपीसी:
पिछले तीन वर्षों से कार्यवाहक रूप से कार्यरत प्राचार्यों की पदोन्नति हेतु डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) का गठन किया जाए।
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सभी प्रकार की छुट्टियों में समानता:
यूटी कैडर और डेपुटेशनिस्ट कर्मचारियों के लिए छुट्टियों की समान व्यवस्था लागू की जाए, जैसा कि केंद्रीय विद्यालयों में होता है।
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चंडीगढ़ में कार्यरत कर्मचारियों को भी केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना का लाभ दिया जाए।
ज्ञापन सौपने वालो में संतोष ढुल्ल, स्वर्ण सिंह कम्बोज, जगन्नाथ, रंजीत पाल, समिंदर कौर, कमलप्रीत सिंह, निर्मल सिंह, संदीप कौर, गुरजीत कौर और दलजीत सिंह मानशाहिया प्रमुख रहे।
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