CHD :वाहन स्क्रैप पॉलिसी फाइलों में गुम, चंडीगढ़ में सड़ रहे करोड़ों के सरकारी वाहन
प्रशासन की अनदेखी से डीसी ऑफिस की पार्किंग में पड़े दर्जनों हीरो होंडा बाइक व वाहन
शरारती तत्व ले गए बाइकों के पार्ट्स भी खोलकर
25 साल पहले पटवारी के लिए खरीदी थी बाइक
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 20 अप्रैल 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 13 अगस्त 2021 को देशभर में लागू की गई वाहन स्क्रैप पॉलिसी का चंडीगढ़ प्रशासन पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है। दो साल पहले प्रशासन ने पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने के आदेश तो जारी किए, लेकिन फाइलों में सिमटे इन आदेशों पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा—शहर की पार्किंगों में 20 से 25 साल पुराने वाहन धूल फांक रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्व विभाग में तैनात पटवारी के लिए दर्जनों हीरो होंडा बाइक खरीदी थी। मगर वह कंडम होने के बाद लगभग 20 साल से भी अधिक समय से डीसी ऑफिस की पार्किंग में कंडम पड़ी है। शरारती तत्व उनके अधिकतर पार्ट्स खोल कर ले गए।
डीसी ऑफिस बना कंडम वाहनों की कब्रगाह
सैक्टर-17 स्थित उपायुक्त कार्यालय में पार्किंग की पहले ही भारी किल्लत है, लेकिन जो थोड़ी बहुत जगह बची है, वह भी दो दशक पुरानी कंडम बाइक और सरकारी वाहनों ने घेर रखी है। यहां करीब दो दर्जन से ज्यादा पुरानी हीरो होंडा बाइक्स और अन्य वाहन वर्षों से खड़े हैं। न तो इन्हें हटाया जा रहा है और न ही स्क्रैप किया गया है। कई बाइकों से शरारती तत्वों ने पार्ट्स तक चुरा लिए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यही रास्ता उपायुक्त कार्यालय में आने वाले अफसरों का मुख्य मार्ग है, लेकिन फिर भी इन पर किसी की नजर नहीं पड़ रही।
इंडस्ट्रियल एरिया और नगर निगम भी पीछे नहीं
सिर्फ डीसी ऑफिस ही नहीं, नगर निगम के कार्यालय परिसर और इंडस्ट्रियल एरिया में डायरेक्टर इंडस्ट्री के दफ्तर के बाहर भी दर्जनों पुराने सरकारी वाहन जंग खा रहे हैं। इनमें पुरानी एंबेसडर कारें, ट्रैक्टर-ट्रॉली और यहां तक कि जेसीबी जैसी भारी मशीनें भी शामिल हैं। ये वाहन कई सालों से वहीं खड़े हैं, लेकिन अब तक न तो इनका ऑक्शन हुआ और न ही स्क्रैपिंग की प्रक्रिया शुरू की गई।
28 मार्च 2023 के आदेश भी धरे के धरे
प्रशासन ने 28 मार्च 2023 को एक सूची तैयार कर ऐसे वाहनों को स्क्रैप करने के निर्देश दिए थे, जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। साथ ही कहा गया था कि इन वाहनों के मालिकों को नोटिस भेजे जाएंगे। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार, ऐसे वाहन जिनका जीवनकाल पूरा हो चुका है, उन्हें Certificate of Deposit (COD) के जरिए स्क्रैप किया जाना चाहिए। लेकिन हकीकत ये है कि खुद सरकारी विभाग इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे।
हर रोज बर्बाद हो रहा जनता का पैसा
स्क्रैप पॉलिसी का उद्देश्य न केवल प्रदूषण नियंत्रण है, बल्कि सरकारी संसाधनों का बेहतर उपयोग भी है। लेकिन विभागों की लापरवाही से करोड़ों रुपये के वाहन हर दिन मिट्टी और बारिश में सड़ रहे हैं। इन पर किसी कानूनी विवाद की कोई अड़चन भी नहीं है, फिर भी स्क्रैपिंग की दिशा में कदम नहीं उठाए जा रहे।
नया वाहन खरीदना प्राथमिकता, पुराने को हटाना नहीं
विभागों के मुखिया नए वाहन तो खरीद लेते हैं, लेकिन पुराने कंडम वाहनों को हटाने की ओर ध्यान नहीं देते। नतीजतन, चंडीगढ़ जैसे सुंदर और सुव्यवस्थित शहर की छवि इन जर्जर और कचरे जैसे वाहनों से खराब हो रही है।
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