गुरुग्राम मेदांता अस्पताल में एयर होस्टेस से डिजिटल रेप का मामला: आरोपी दीपक ने अस्पताल स्टाफ से मांगी माफी, पिता ने कहा– सजा मिलनी चाहिए
बाबूशाही ब्यूरो
गुरुग्राम, 20 अप्रैल:
हरियाणा के गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में एयर होस्टेस के साथ कथित डिजिटल रेप के मामले में आरोपी टेक्नीशियन दीपक को शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस उसे कोर्ट में पेश करने से पहले मेदांता अस्पताल भी लेकर गई, जहां उसने अस्पताल स्टाफ से माफी मांगी और जुर्म कबूल किया।
“हालात देख कर नीयत बिगड़ गई थी”: आरोपी दीपक का कबूलनामा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी दीपक ने अस्पताल स्टाफ से माफी मांगते हुए कहा, “मुझे गलती का एहसास है। जब मैंने उसे ICU में अकेले देखा, तो मेरी नीयत बिगड़ गई और मुझसे बड़ी भूल हो गई।” दीपक ने पुलिस के सामने यह भी स्वीकार किया कि उसने जो किया, वह बेहद शर्मनाक है और इसके लिए वह शर्मिंदा है।
CCTV से हुआ खुलासा: ICU में 16 मिनट रहा आरोपी
मामले की जांच के दौरान पुलिस ने अस्पताल के CCTV फुटेज खंगाले, जिनमें सामने आया कि आरोपी दीपक वारदात के वक्त ICU में करीब 16 मिनट तक मौजूद था। यह तथ्य उसकी पूछताछ में दिए गए बयानों से मेल नहीं खाता, जिसमें उसने शुरुआत में कहा था कि वह सिर्फ 2-3 मिनट ही अंदर गया था।
पुलिस अब यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ICU में दीपक अकेला था या किसी और ने भी इस घटना को देखा। मेडिकल और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद इस केस में और भी खुलासे हो सकते हैं।
पिता बोले – “बेटा दोषी है, तो सजा जरूर मिलनी चाहिए”
शनिवार को आरोपी के पिता गुरुग्राम पहुंचे, जहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “अगर मेरे बेटे ने गलती की है तो उसे कानून के अनुसार सजा जरूर मिलनी चाहिए। हम उसके इस कृत्य का समर्थन नहीं करते। पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए।”
परिवार की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है जब मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया है और महिला सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से बहस तेज हो गई है।
पीड़िता की हालत नाजुक, बयान अभी नहीं लिया गया
पीड़िता एयर होस्टेस फिलहाल ICU में भर्ती है और डॉक्टरों के अनुसार उसकी स्थिति अभी बयान देने लायक नहीं है। पुलिस ने बयान दर्ज करने के लिए मेडिकल टीम से अनुमति मांगी है, लेकिन डॉक्टर्स ने अभी इसे टाल दिया है।
क्या है डिजिटल रेप?
कानूनी रूप से “डिजिटल रेप” वह अपराध है जिसमें आरोपी बिना सहमति के पीड़िता के शरीर में अंगुली या कोई अन्य वस्तु डालता है। इसे भारतीय कानून के तहत बलात्कार की श्रेणी में ही माना जाता है और इसमें कड़ी सजा का प्रावधान है।
अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन शुरू किया
मेदांता अस्पताल प्रशासन ने भी इस मामले के बाद ICU और संवेदनशील क्षेत्रों में स्टाफ की आवाजाही पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। अस्पताल के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, “हम पीड़िता और उसके परिवार के साथ हैं। आरोपी को तुरंत पुलिस के हवाले किया गया था, और अब हम अपनी प्रणाली की समीक्षा कर रहे हैं।”
जांच जारी, दीपक को कोर्ट में दोबारा कब पेश किया जाएगा?
दीपक को फिलहाल न्यायिक हिरासत में भेजा गया है और पुलिस अब उसकी पिछली गतिविधियों और व्यवहार की भी जांच कर रही है। अगली पेशी में पुलिस कोर्ट से रिमांड की मांग कर सकती है, ताकि मामले से जुड़ी और जानकारी हासिल की जा सके।
यह मामला न सिर्फ अस्पतालों में महिला सुरक्षा की अनदेखी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कानून किसी को बख्शता नहीं, चाहे वो किसी भी पेशे से जुड़ा हो।
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