हरेक काम, हरेक क्षेत्र, हरेक परियोजना और हरेक पेपर में घोटाले करना बीजेपी सरकार की पहचान- हुड्डा
रोहतक एमबीबीएस पेपर घोटाले की होनी चाहिए उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच- हुड्डा
बाबुशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 14 जनवरी । हरेक काम, हरेक क्षेत्र, हरेक परियोजना और हरेक पेपर में घोटाले करना बीजेपी सरकार की पहचान बन चुकी है। घोटालों की कड़ी में अगला नाम रोहतक विश्वविद्यालय एमबीबीएस पेपर का है। इसे देखकर पता चलता है कि बीजेपी ने प्रदेश के पूरे स्वास्थ्य तंत्र को खोखला बना दिया है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का।
हुड्डा ने पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज में उजागर हुए एमबीबीएस पेपर घोटाले पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि पेपर पास करवाने के लिए हर सब्जेक्ट के लिए छात्रों से 3-5 लाख रुपए लिए जा रहे थे। पेपर में धांधली को अंजाम देने के लिए ऐसे पेन का इस्तेमाल होता था, जिसकी स्याही को सुखाकर बाद में साफ कर दिया जाता था। इसके लिए पेपर की कॉपी तक यूनिवर्सिटी से बाहर भेजी जाती थी और वहां सही जवाब लिखकर, ये दोबारा केंद्र में जमा करवा दी जाती थी। यह धांधली सिर्फ एमबीबीएस के पेपर में ही नहीं बल्कि एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट्स पेपर में भी कार्रवाई हो रही थी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इतने बड़े गड़बड़झाले को देखकर लगता है कि इस घोटाले को अंजाम देने में पूरा तंत्र काम कर रहा था। चंद छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई करके सरकार इस पूरे घोटाले को दबाना चाहती है। जबकि पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
हुड्डा ने कहा कि यह बीजेपी सरकार का कोई पहला पेपर घोटाला नहीं है। इससे पहले भी ये सरकार दर्जनों पेपर और भर्ती घोटालों को अंजाम दे चुकी है। इस सरकार के दौरान एचसीएस (2023), सीईटी (2023), एसआई भर्ती (मार्च 2022), डेंटल सर्जन (दिसंबर 2021), पुलिस कांस्टेबल भर्ती (अगस्त 2021),
ग्राम सचिव भर्ती (12 जनवरी 2021), क्लर्क भर्ती पेपर लीक (दिसंबर 2016), क्लर्क भर्ती (बिजली विभाग), एक्साइज इंस्पेक्टर (दिसंबर 2016), एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर (जुलाई 2017), कंडक्टर भर्ती पेपर (सितंबर 2017), ITI इंस्ट्रक्टर भर्ती पेपर लीक, आबकारी इंस्पेक्टर पेपर लीक, नायब तहसीलदार भर्ती पेपर लीक, PTI भर्ती परीक्षा पेपर लीक, HTET पेपर लीक (नवम्बर 2015), केंद्रीय विद्यालय संगठन प्राइमरी टीचर पेपर लीक (अक्टूबर 2015), असिस्टेंट प्रोफेसर कॉलेज पेपर भर्ती घोटाला (फरवरी 2017), B फार्मेसी पेपर लीक घोटाला (जुलाई 2017), जैसे पेपर लीक और भर्ती घोटाले हुए हैं।
इतना ही नहीं ताबड़तोड़ पेपर लीक के बाद इस सरकार ने सवाल कॉपी पेस्ट करके पेपर लीक का नया तरीका भी निकाला, वो है पेपर कॉपी। उदाहरण के तौर पर सीईटी की मुख्य परीक्षा में ग्रुप-56 और ग्रुप-57 का पेपर कॉपी करके लीक किया गया। 100 में से 41 सवाल जो 6 अगस्त के पेपर में आए, वो 7 अगस्त के पेपर में रिपीट हो गए, यानी पेपर लीक का नया तरीक़ा है।
पुलिस द्वारा CET पेपर लीक मामले में जींद से 3 लोगों को पकड़ने का दावा भी किया जा रहा है, जिनके पास 40-45 युवाओं के एडमिट कार्ड मिले। दूसरी तरफ सरकार कहती है कि पेपर लीक नहीं हुआ।
बीजेपी सरकार के दौरान ही HPSC में पैसों के साथ पकड़े गए अधिकारी से लेकर HSSC में रिजल्ट बदलते पकड़े गए कर्मचारी पकड़े गए। एचपीएसी के डिप्टी सेक्रेटरी को नवंबर 2021 को 90 लाख रुपये के साथ पकड़ा गया था। इसके बाद करीब उनके पास से पौने 3 करोड़ रुपये बराबद हुए। साल 2018 में HSSC ऑफिस में रिजल्ट के साथ छेड़छाड़ के आरोप में 5 लोगों को पकड़ा गया था।
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