चरखी दादरी में अवैध झुग्गियों पर चला प्रशासन का बुलडोज़र, सड़कों पर उतरे नाराज़ झुग्गीवासी
बाबूशाही ब्यूरो
चरखी दादरी, 24 अप्रैल: चरखी दादरी के कॉलेज रोड क्षेत्र में स्थित लगभग 200 अवैध झुग्गियों को हटाने के लिए नगर परिषद ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। प्रशासन ने भारी पुलिस बल और ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की मौजूदगी में करीब तीन घंटे तक जेसीबी मशीनों से अभियान चलाया। इस दौरान कुल 170 झुग्गियों को ध्वस्त कर दिया गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश फैल गया।
झुग्गियों पर कार्रवाई की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और दादरी-महेंद्रगढ़ रोड पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। महिलाएं, पुरुष और बच्चे सड़क पर बैठ गए और घंटों तक मार्ग अवरुद्ध रहा। गुस्साए झुग्गीवासियों ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और कार्रवाई को अमानवीय बताया।
महेंद्रगढ़ चुंगी के पास नगर परिषद की जमीन पर वर्षों से रह रहे इन झुग्गीवासियों का कहना है कि उनके पास रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। स्थानीय निवासी सुशीला ने रोते हुए बताया, "हम यहां 15 साल से रह रहे हैं। हमारे पास ना ज़मीन है, ना घर। प्रशासन ने एक बार भी नहीं बताया कि हटना है। अचानक आए और सब उजाड़ दिया।"
प्रशासन की ओर से बताया गया कि यह जमीन नगर परिषद की है और लंबे समय से अतिक्रमण की शिकायतें मिल रही थीं। अधिकारियों ने कहा कि कई बार नोटिस दिए गए थे, लेकिन कोई असर नहीं हुआ, जिसके बाद यह कदम उठाना पड़ा। वहीं, झुग्गीवासियों ने इन दावों को सिरे से खारिज किया और कहा कि उन्हें किसी प्रकार की पूर्व सूचना नहीं दी गई।
प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच बढ़ा तनाव
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस बल ने मोर्चा संभाला। ड्यूटी मजिस्ट्रेट की निगरानी में जाम हटवाने की कोशिश की गई, लेकिन झुग्गीवासी देर शाम तक डटे रहे। कुछ स्थानों पर हल्की झड़पें भी देखने को मिलीं, हालांकि पुलिस ने स्थिति को जल्द काबू में कर लिया।
वैकल्पिक व्यवस्था की मांग
प्रदर्शनकारी अब सरकार और स्थानीय प्रशासन से पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। झुग्गीवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें पुनर्वास की कोई ठोस योजना नहीं दी गई, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
यह मामला अब राजनीतिक रंग भी लेने लगा है, क्योंकि कुछ स्थानीय नेताओं ने मौके पर पहुंचकर झुग्गीवासियों को समर्थन देने की बात कही है। देखना यह होगा कि प्रशासन इस मुद्दे को किस तरह सुलझाता है और बेघर हुए इन सैकड़ों लोगों के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
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