जींद: बिजली निगम के एसई हरिदत्त दोबारा सस्पेंड, हाईकोर्ट से राहत के बाद सरकार ने नए कारणों के साथ जारी किया आदेश
बाबूशाही ब्यूरो
जींद, 24 अप्रैल — बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता (एसई) हरिदत्त एक बार फिर सस्पेंड कर दिए गए हैं। इससे पहले हरिदत्त को शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा की सिफारिश पर बिजली मंत्री अनिल विज ने निलंबित किया था, लेकिन हाईकोर्ट से उन्हें अस्थायी राहत मिल गई थी। अब सरकार ने नए कारणों के साथ संशोधित आदेश जारी कर दिया है।
हाईकोर्ट से पहली राहत, फिर सरकार का पलटवार
एसई हरिदत्त ने निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था, जहां अदालत ने यह कहते हुए सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी कि उसमें निलंबन का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया। हालांकि, कोर्ट ने सरकार को नया आदेश जारी करने की छूट भी दे दी थी।
फोन न उठाने पर मंत्री ने की शिकायत
मामले की जड़ जींद में हुई एक घटना से जुड़ी है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, जो जिले की परिवेदना समिति के अध्यक्ष भी हैं, एक दौरे पर थे और किसानों की बिजली संबंधी समस्याओं को लेकर एसई हरिदत्त से संपर्क करना चाहते थे। बार-बार कॉल करने के बावजूद एसई ने न फोन उठाया और न ही कॉल बैक किया। इससे मंत्री नाराज हो गए और बिजली मंत्री अनिल विज से शिकायत की। यह घटना पहले से लंबित शिकायतों के साथ जुड़ गई और 15 अप्रैल को एसई को निलंबित कर दिया गया।
रिकवरी कम होने का भी हवाला
सरकार ने अपनी दलील में यह भी कहा कि हरिदत्त की डिवीजन में राजस्व वसूली बेहद कम थी, जो कार्य प्रदर्शन में लापरवाही को दर्शाता है। हालांकि हाईकोर्ट ने इन दलीलों को "तकनीकी रूप से अधूरी" बताते हुए खारिज कर दिया था।
चार्जशीट की तैयारी में विभाग
नए सस्पेंशन आदेश के साथ अब विभाग हरिदत्त के खिलाफ चार्जशीट की तैयारी कर रहा है। उनकी सस्पेंशन अवधि के दौरान मुख्यालय दिल्ली स्थित डीएचबीवीएनएल हेड ऑफिस तय किया गया है।
प्रशासनिक अनुशासन और जवाबदेही पर फिर बहस
यह मामला केवल एक अधिकारी के निलंबन का नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और राजनीतिक हस्तक्षेप के संतुलन का भी प्रतीक बन गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे यह मामला किस दिशा में बढ़ता है –
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