चंडीगढ़ पुलिस में ब्याज पर पैसे देने का गोरखधंधा उजागर, कांस्टेबल पर कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 24 अप्रैल 2025:
चंडीगढ़ पुलिस विभाग में सरकारी ड्यूटी के साथ-साथ निजी स्तर पर ब्याज पर पैसे देने का गोरखधंधा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। पिछले साल ही में एक महिला पुलिस इंस्पेक्टर की ब्याज पर पैसे देंने की डीजीपी कार्यालय में शिकायत पहुंचने के बाद अब एक और मामला सामने आया है, जिसमें चंडीगढ़ पुलिस के एक कांस्टेबल को कोर्ट से फटकार लगी है।
धनास स्थित पुलिस कॉम्प्लेक्स में रहने वाले कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार ने रोपड़ निवासी किशोर कुमार के खिलाफ ₹6 लाख के चेक बाउंस का मामला अदालत में दायर किया था। लेकिन कोर्ट की जांच में यह केस झूठा निकला और आरोपी को बरी कर दिया गया।
इस दौरान अदालत में चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि नरेंद्र कुमार जैसे एक सिपाही के पास 17 लाख रुपए की लेन-देन की क्षमता कहां से आई? कोर्ट ने इस पर गहरी आपत्ति जताते हुए कहा कि एक सरकारी कर्मचारी इस प्रकार का लेन-देन कैसे कर सकता है, इसकी गंभीर जांच होनी चाहिए।
कोर्ट ने सख्त लहजे में चंडीगढ़ के डीजीपी और एसएसपी को आदेश दिया कि इस मामले की विशेष जांच की जाए और यह पता लगाया जाए कि क्या नरेंद्र कुमार और उसके जैसे अन्य पुलिस कर्मचारी ब्याज पर पैसे देने के अवैध कार्य में लिप्त हैं।
इससे पहले भी एक महिला इंस्पेक्टर का मामला सामने आ चुका है, जिसमें आरोप था कि वह अपनी सरकारी नौकरी के साथ ब्याज पर पैसे देने का काम कर रही थीं। उस मामले की शिकायत सीधे डीजीपी तक पहुंची थी और जांच भी शुरू हुई थी।
पुलिस विभाग की छवि पर सवाल
लगातार इस तरह के मामलों से पुलिस विभाग की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कानून की रक्षा करने वाले अधिकारी यदि स्वयं कानून के दायरे से बाहर काम करेंगे, तो आम जनता का व्यवस्था पर विश्वास डगमगा सकता है।
अब आगे क्या?
डीजीपी कार्यालय को जल्द इस मामले में विस्तृत जांच शुरू करनी होगी।
नरेंद्र कुमार से पूछताछ के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि उसके पास इतनी बड़ी रकम कहां से आई।
अगर यह गोरखधंधा किसी नेटवर्क के तहत किया जा रहा है, तो अन्य कर्मचारियों की भी जांच की जा सकती है।
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