मनीमाजरा बना सैक्टर-13, पर सुविधाएं शून्य: “नाम बदलने से हालात नहीं बदलते”
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 6 अप्रैल 2025:
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा मनीमाजरा का नाम बदलकर “सैक्टर-13” किया जाना केवल एक औपचारिक कदम बनकर रह गया है। ज़मीन पर सच्चाई कुछ और ही है — नाम भले ही बदल गया, लेकिन मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जस की तस बनी हुई है, बल्कि कुछ मामलों में और भी बदतर हो चुकी है।
24x7 पानी योजना बनी परेशानी का सबब
जिस पानी आपूर्ति योजना का शोर मचाकर उद्घाटन किया गया था, वह अब मनीमाजरा के लोगों के लिए एक नई मुसीबत बन गई है। “24x7 पानी” का दावा तो किया गया, लेकिन अब क्षेत्र के कई हिस्सों में पहले से भी कम पानी आ रहा है। इस योजना में भारी गड़बड़ी और घालमेल की आशंका जताई जा रही है।
शिक्षा और स्वास्थ्य की घोर अनदेखी
इतनी बड़ी आबादी वाले इस क्षेत्र में उच्चतर शिक्षा संस्थानों का नितांत अभाव है। राजबीर सिंह भारतीय, रिटायर्ड सुप्रिंटेंडेंट, ऑफिस ऑफ एडवोकेट जनरल, हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़, कहते हैं, “मनीमाजरा चंडीगढ़ से भी पुराना क्षेत्र है, लेकिन आज तक एक भी सरकारी कॉलेज नहीं मिला।”
सड़कें और साफ-सफाई बेहाल
सड़कों की हालत इतनी खराब है कि धूल-मिट्टी उड़ती रहती है। पार्कों की हालत भी बद से बदतर है – रखरखाव नदारद है और कई पार्क पूरी तरह से उजड़ चुके हैं।
बिजली, सुरक्षा और पार्किंग व्यवस्था की भारी कमी
रात को बिजली के खंभों पर बल्ब नहीं जलते और ना ही सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इससे क्षेत्र में अपराध की आशंका बढ़ जाती है। बाजारों और आवासीय क्षेत्रों में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे जाम और दुर्घटनाएं आम हो चुकी हैं।
रेहड़ी-फड़ी वालों की भरमार और अराजक यातायात
सड़कों पर रेहड़ियां इस कदर लगी रहती हैं कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ रहा है, और नागरिक प्रशासन पूरी तरह से मूकदर्शक बना हुआ है।
सरकार टैक्स लेती है, सुविधाएं नहीं देती
राजबीर सिंह का कहना है, “मनीमाजरा चंडीगढ़ शहर की सबसे बड़ी आबादी वाला क्षेत्र है और सरकार को सबसे ज्यादा टैक्स यहीं से मिलता है, लेकिन अफसोस की बात है कि इस टैक्स का फायदा मनीमाजरा को नहीं दिया जा रहा।”
सैक्टर-13 नाम देना केवल एक ‘कॉस्मेटिक बदलाव’ है, जब तक सुविधाएं, संरचना और विकास पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक मनीमाजरा के निवासियों के लिए यह केवल एक छलावा ही बना रहेगा।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →