हरियाणा पुलिस इंस्पेक्टर भर्ती मामले में महाअधिवक्ता से राय लेगी सरकार: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 19 मार्च 2025 – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में हुई हरियाणा पुलिस इंस्पेक्टर भर्ती को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले पर महाधिवक्ता से राय ली जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) मामले की जांच किसी स्पेशलाइज्ड एजेंसी से करवा सकता है, तो सरकार पूरी तरह तैयार है।
मुख्यमंत्री हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शून्यकाल में इस भर्ती प्रक्रिया पर उठाए गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि 2011 में एक व्यक्ति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर वर्ष 2008 में हुई 20 इंस्पेक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगाए थे। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि:
- लिखित परीक्षा में उच्च अंक पाने वालों को इंटरव्यू में कम अंक दिए गए।
- दो चयनित उम्मीदवारों ने स्वयं लिखित परीक्षा नहीं दी थी।
इस पर कोर्ट ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी, जिसमें पाया गया कि:
- हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) लिखित परीक्षा की अटेंडेंस शीट उपलब्ध नहीं करा सका।
- फर्जीवाड़े की आशंका के चलते चयनित उम्मीदवारों की हैंडराइटिंग का फॉरेंसिक मिलान किसी स्पेशलाइज्ड एजेंसी से कराने की सिफारिश की गई।
- कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जांच एजेंसी का काम न्यायालय का नहीं है, बल्कि कर्मचारी चयन आयोग को खुद इस मामले की जांच करवाने की स्वतंत्रता है।
कांग्रेस कार्यकाल पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस सरकार की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि उस समय सरकारी नौकरियों में धांधलियां होती थीं। उन्होंने कहा, "तत्कालीन सरकार में योग्य युवाओं का शोषण होता था और गरीब परिवारों के बच्चे सरकारी नौकरी की कल्पना भी नहीं कर सकते थे।"
उन्होंने भरोसा दिलाया कि वर्तमान सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दे रही है और भविष्य में भी सभी योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिलेगा।
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