हरियाणा पुलिस की 'मिशन मोड अप्रोच' से साइबर अपराध पर भारी गिरावट, देश में बना आदर्श मॉडल;
एफआईआर के बिना भी अब मिलेगा रिफंड, दो वर्षों में ठगी की राशि में 62% की गिरावट
रमेश गोयत
पंचकूला/चंडीगढ़, 22 अप्रैल 2025: हरियाणा पुलिस की मिशन मोड अप्रोच ने साइबर अपराध के खिलाफ जंग में शानदार सफलता दर्ज की है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के नेतृत्व में अपनाई गई रणनीति के चलते राज्य में साइबर ठगी के मामलों में न केवल भारी गिरावट दर्ज की गई है, बल्कि रिकवरी, तकनीकी कार्रवाई और अपराधियों की गिरफ्तारी में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
ठगी में 62% की गिरावट:
मार्च 2024 में जहां साइबर अपराधियों ने प्रदेश में 107.86 करोड़ रुपये की ठगी की थी, मार्च 2025 में यह आंकड़ा घटकर 40.86 करोड़ रह गया। यह 62% की गिरावट दर्शाता है।
रिकवरी और गिरफ्तारी में चार गुना उछाल:
रिकवर और होल्ड की गई राशि में पिछले दो वर्षों में लगभग चार गुना वृद्धि।
गिरफ़्तार साइबर अपराधियों की संख्या में भी चार गुना से अधिक बढ़ोतरी।
2023 में औसतन 5 अपराधियों की गिरफ्तारी प्रतिदिन होती थी, जो 2025 में 22 तक पहुंच गई।
एफआईआर के बिना अब मिलेगा रिफंड:
हरियाणा ने देश में पहली बार साइबर ठगी के मामलों में एफआईआर की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। पीड़ित अब लोक अदालतों में आवेदन देकर धनराशि की वापसी के लिए कार्रवाई कर सकते हैं, बशर्ते एफआईआर दर्ज न हो। यह पहल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों और विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 में संशोधन के तहत संभव हो सकी है।
साइबर हेल्पलाइन 1930 बनी बड़ी ताकत:
एडीजीपी ममता सिंह ने बताया कि हेल्पलाइन पर काम करने वाले कर्मियों की संख्या 12 से बढ़ाकर 70 की गई है, जिससे त्वरित रिस्पॉन्स संभव हो सका। सितंबर 2023 की तुलना में मार्च 2025 में चार गुना अधिक धनराशि धोखाधड़ी से बचाई गई।
बैंक खातों और मोबाइल नंबरों पर कार्रवाई:
2.83 लाख बैंक खातों और 1.24 लाख मोबाइल नंबरों को बंद कराया गया।
करीब 50 बैंक कर्मियों को साइबर ठगी में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया।
बैंकों के साथ ‘गोल्डन ऑवर’ में सामूहिक कार्रवाई:
हरियाणा पुलिस ने 11 प्रमुख बैंकों के साथ मिलकर संयुक्त डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जिससे साइबर ठगी की सूचना मिलते ही गोल्डन ऑवर में राशि को होल्ड किया जा सके।
राष्ट्रीय स्तर पर सराहना:
गृह मंत्री अमित शाह ने 10 सितंबर 2024 को हरियाणा पुलिस को राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा। पुलिस ने अब एआई आधारित टूल्स का उपयोग शुरू कर दिया है, जिससे अपराध की पहचान और कार्रवाई और अधिक प्रभावी हो रही है।
डीजीपी की रणनीति बनी बदलाव की नींव:
पदभार संभालने के बाद शत्रुजीत कपूर ने साइबर अपराध नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। बैंक, टेलीकॉम कंपनियों और आरबीआई के साथ नियमित समन्वय और संवाद से हरियाणा देश में साइबर अपराध नियंत्रण का रोल मॉडल बनकर उभरा है।
निष्कर्ष: हरियाणा पुलिस की 'मिशन मोड' कार्यप्रणाली ने साइबर अपराध के विरुद्ध एक नई मिसाल कायम की है और यह अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।
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