हाईकोर्ट में फिर खुली बीजेपी की भर्तियों की पोल, लगा 50000 जुर्माना- हुड्डा
बीजेपी ने फिर शुरू किया भर्तियों को लटकाने का खेल- हुड्डा
अब तक ना सीईटी की ना तारीख तय, ना एजेंसी तय- हुड्डा
सीईटी पास युवाओं को ₹9000 महीना देने का वादा भी निकला झूठा- हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 6 अप्रैल। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि भर्तियों के नाम पर धांधली और लेटलतीफी इस सरकार का तय नियम बन गया है। इसी के चलते एक बार फिर हाई कोर्ट में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पर ₹50000 का जुर्माना लगाया है। टीजीटी भर्ती मामले में सरकार को आईना दिखाते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट तौर पर एग्जामिनर्स की योग्यता पर सवालिया निशान खड़ा किया।
इससे पहले भी कई बार भर्तियों धांधलियों को लेकर कोर्ट सरकार को जुर्माना और फटकार लगा चुकी है। ये वही सरकार है जिसके द्वारा अनगिनत पेपर लीक और भर्ती घोटाले सामने आ चुके हैं। बाकायदा हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन में बैठे अधिकारी से करोड़ों रुपए की बरामद की हुई थी और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में बैठे लोग नौकरियों को बेचते हुए पकड़े गए थे। बावजूद इसके किसी भी मामले में सरकार की जांच निर्णायक सिरे तक नहीं पहुंची। भर्तियों के नाम पर गड़बड़झाला करने वाले उच्च पदों पर बैठे लोगों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे स्पष्ट है कि सरकार खुद भर्तियों को लटकाने, उनमें धांधली करने और घोटालेबाजों को संरक्षण देने में लगी है।
हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने तीसरी बार सत्ता हथियाने के बाद एक बार फिर बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ शुरू कर दिया है। इतने महीने बाद भी अब तक ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। अबतक सरकार ने ना टेस्ट की कोई तारीख तय की है और ना ही एजेंसी। इतना ही नहीं सीईटी पास युवाओं को ₹9000 महीना देने का वादा करके सत्ता में आई भाजपा का ये वादा भी झूठा साबित हुआ। इस बार के बजट में कहीं भी सीईटी पास युवाओं को 9000 रुपये मासिक देना का जिक्र तक नहीं है।
हुड्डा ने कहा कि पिछले कार्यकाल के दौरान भी भाजपा द्वारा यही खेल खेला गया था। सरकार ने पूरे 5 साल तक जानबूझकर भर्तियों को लटकाए रखा था। और फिर युवाओं को चुनाव में ब्लैकमेल करते हुए कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो ही उनकी भर्तियों का रिजल्ट जारी होगा। डर के मारे बेरोजगार युवाओं ने बीजेपी को वोट दिया। लेकिन सत्ता में आते ही सरकार ने फिर भर्तियों को लटकाने के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए।
वर्षों से सीईटी का इंतजार कर रहे लाखों युवाओं के साथ इस सरकार ने सबसे बड़ा धोखा किया है। कायदे से हर 6 महीने या 1 साल के भीतर एक बार सेट होना चाहिए। लेकिन बीजेपी 5 साल में बमुश्किल एक बार ये टेस्ट करवा पा रही है।
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