रेशनलाइजेशन दौरान पंजाबी भाषी क्षेत्रों के सभी विद्यालयों में पंजाबी प्रवक्ताओं एवं पंजाबी अध्यापकों के पद दिए जाएं : हरजीत सिंह गिल
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 30 मार्च। हरियाणा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही रेशनलाइजेशन में पंजाबी शिक्षकों के पदों में भारी कटौती की जा रही है। यह बात आज यहाँ पंजाबी अध्यापक अते भाषा प्रचार प्रसार सोसाइटी के राज्य प्रधान हरजीत सिंह गिल एवं राज्य महासचिव सुनील गोयल द्वारा जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कही गई । उन्होंने कहा कि एक तरफ तो त्रिभाषा फॉर्मूला लागू किया गया है औऱ दूसरी तरफ पंजाबी विषय के शिक्षकों के पदों में कटौती की जा रही है। हरियाणा प्रदेश में पंजाबी भाषा को दूसरा दर्जा प्राप्त है। कक्षा 9 से 12 में विभाग द्वारा जारी किए गए रेशनेलाइजेशन नॉर्म्स अनुसार जिला पंचकूला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद के सभी स्कूलों में पंजाबी प्रवक्ता के पद दिए जाने के बावजूद भी इन जिलों में कई स्कूलों में पंजाबी प्रवक्ता के पद नहीं दिए जा रहे हैं, जो कि बिलकुल अवव्यहारक है। जबकि उपरोक्त ज़िलों के इलावा करनाल, कैथल, जींद व अन्य जिलों के ज्यादातर स्कूलों में भी पंजाबी प्रवक्ता के पद दिए जाने बनते हैं। हाई स्कूलों में भी पंजाबी लेक्चरर के पदों को समाप्त किया जा रहा है । विभाग द्वारा वाणिज्य संकाय से भी पंजाबी विषय को खत्म कर दिया गया है। सभी विषयों की प्रोमोशन हो चुकी हैं, लेकिन माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद भी पंजाबी अध्यापकों को अभी तक प्रोमोशन नहीं दी गई है व उन्हें विवश होकर माननीय न्यायालय में केस डालने पड़ रहे हैं। महासचिव सुनील गोयल ने बताया कि उन्होंने मुख्य मंत्री हरियाणा सरकार, शिक्षा मंत्री हरियाणा सरकार, महानिदेशक सैकंडरी शिक्षा व महानिदेशक मौलिक शिक्षा को पत्र लिख कर माँग की है कि पंजाबी भाषी क्षेत्रों के मॉडल एवं पी.एम. श्री विद्यालयों सहित सभी विद्यालयों में पंजाबी प्रवक्ता एवं पंजाबी अध्यापकों का पद दिया जाए व ट्रांसफर ड्राइव के दौरान पंजाबी के किसी पद को कैप्ट न किया जाए। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्धी उनके संगठन द्वारा अलग-अलग गाँवों के सरपंचों व विद्यालय मुखिया से भी प्रस्ताव डलवाकर साथ संलग्न किए गए हैं कि उनके गाँवों व विद्यालयों में बड़ी संख्या में बच्चे पंजाबी विषय पढ़ना चाहते हैं। पंजाबी अध्यापकों की संयुक्त वरिष्ठता सूची में शोध करके क्रमांक 796 से सेवा नियम 2012 के अनुसार मेरिट के आधार पर बनाया जाए व पंजाबी प्रवक्ताओं के प्रोमोशन कोटे के सभी 275 पदों पर पंजाबी अध्यापकों की प्रोमोशन की जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो पंजाबी शिक्षकों को आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा ।
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