हरियाणा की बेटी सान्या अच्छा संदेश लेकर देश के एक कोने से दूसरे कोने तक मैराथन पर निकली है और उसे वह अपनी शुभकामनाएं देते हैं: मंत्री अनिल विज
भारत में भिन्न-भिन्न धर्म, भाषाएं व जातियां हैं परंतु कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है - अनिल विज
नारियल केरल में समुद्र के किनारे पैदा होता है और कश्मीर में वैष्णों देवी माता के दरबार पर चढ़ाया जाता है - विज
ऊर्जा व परिवहन मंत्री अनिल विज ने मैराथन पर निकली बच्ची को प्रोत्साहन स्वरूप अपने स्वैच्छिक कोष से एक लाख रुपए देने की घोषणा की
मैराथन पर निकली सोनीपत जिले के गांव रूखी निवासी सान्या पांचाल का अम्बाला छावनी पहुंचने पर किया गया स्वागत
रमेश गोयत
अम्बाला/चंडीगढ़/नई दिल्ली, 31 दिसम्बर- हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि बेटियों को आगे आने के अवसर मिलें तथा शहीद हुए सैनिकों की स्मृति में कश्मीर से कन्याकुमारी तक मैराथन पर निकली हरियाणा की बेटी सान्या पांचाल अच्छा संदेश लेकर यात्रा पर निकली है और वह उसे अपनी शुभकामनाएं देते हैं।
विज ने अम्बाला छावनी पहुंची सोनीपत जिले के रूखी गांव निवासी सान्या पांचाल का स्वागत करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बच्ची नेक संदेश लेकर मैराथन कर रही है जिसका मकसद महिलाओं को आगे आने के अवसर मिलना और बताने के लिए ही हमारे देश में भिन्न-भिन्न धर्म, भाषाएं व जातियां हैं परंतु कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है। उन्होंने कहा कि नारियल केरल में समुद्र के किनारे पैदा होता है और कश्मीर में वैष्णों देवी माता के दरबार पर चढ़ाया जाता है। यह युगों-युगों से हमारी परंपरा ही है, लोगों ने हमें विखंडित करने की कोशिश है मगर कुछ तो है कि “हस्ती मिटती नहीं हमारी”। हम एक है और मिलकर एक मुट्ठी बंद करके सभी मुसीबतों का मुकाबला कर सकते है।
इस दौरान ऊर्जा व परिवहन मंत्री अनिल विज ने मैराथन पर निकली बच्ची को प्रोत्साहन स्वरूप अपने स्वैच्छिक कोष से एक लाख रुपए देने की घोषणा की। इस दौरान मौके पर मौजूद सान्या के पिता सुरेश, मां ऊषा के अलावा सान्या के गांव रूखी के मौजिज लोगों व पांचाल सामाज के लोगों ने कैबिनेट मंत्री अनिल विज का प्रोत्साहन देने के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया
13 दिसम्बर को कश्मीर के लाल चौक से प्रारंभ की मैराथन
सान्या पांचाल ने बताया कि उसने 13 दिसम्बर को कश्मीर के लाल चौक से अपनी मैराथन प्रारंभ की है और उसका लक्ष्य अप्रैल माह तक कन्याकुमारी में पहुंच अपनी यात्रा को पूरा करना है। उसने बताया कि महिलाओं को आगे लाने, शहीद सैनिकों को सम्मान देने व हरियाणा का नाम ऊंचा रखने के उद्देश्य से वह देश के एक कोने से दूसरे कोने तक मैराथन कर रही है।
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