बढ़ते विरोध के चलते चंडीगढ़ विधुत विभाग को निजी हाथों में सौंपने का फैसला फिलहाल टला
प्रशासन का फैसला जनता एवं कर्मियों के निरंतर चल रहे आंदोलन की जीत : सुभाष लांबा
एलओआई रद्द होने तक विरोध जारी रहेगा : गोपाल दत्त जोशी
रमेश गोयत
चंडीगढ़,3 जनवरी। जनता एवं कर्मियों के बढ़ते विरोध के कारण चंडीगढ़ प्रशासन ने पहली जनवरी से बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने का फैसले को एक महीने के लिए टाल दिया है। इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया ( ईईएफआई) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा चंडीगढ़ प्रशासन के फैसले को चंडीगढ़ की आम जनता, किसानों, ग्रामीणों की अलग-अलग जत्थेबंदियों और कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआईएम व सीपीआई आदि राजनीतिक दलों के निरंतर विरोध की जीत करार दिया है। उन्होंने बताया कि 8-9 जनवरी को ईईएफआई की वर्किंग कमेटी की मीटिंग नई दिल्ली में होने जा रही है। जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ और उप्र सरकार द्वारा पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्कॉम व राजस्थान सरकार द्वारा उत्पादन एवं डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने चंडीगढ़ पावर डिपार्टमेंट को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ चल रहे आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर और विशेषकर हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व जम्मू-कश्मीर के बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियर का आभार व्यक्त किया है। निजीकरण के खिलाफ चंडीगढ़ में जनता एवं कर्मचारियों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे यूटी पावर मैन यूनियन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी व अध्यक्ष अमरिक सिंह ने चंडीगढ़ प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक एलओआई रद्द नही हो जाता तब तक नागरिकों और कर्मचारियों का विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही नागरिकों और कर्मचारियों की संयुक्त बैठक की जाएगी और विरोध को तेज करने की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जनता के बीच निजीकरण के खिलाफ जन जागरण अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जनता की परिस्थितियों को किसी भी कीमत पर निजी हाथों में सौंपने नहीं दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष सैकड़ों करोड़ का मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़ पावर डिपार्टमेंट को एक निजी कंपनी को कौड़ियों के भाव में बेच दिया गया है। जिसका नागरिक और बिजली कर्मचारी विरोध कर रहे थे।
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, सुरेश राठी,रतन सिंह मुजारी, हीरा लाल वर्मा व सचिव सुदीप दत्ता ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर चंडीगढ़ प्रशासन ने बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया था। प्रशासन ने बकायदा 21 नवंबर को लेटर आफ इन्टेंट (एलओआई) भी कर दिया था। जिसके तहत पहली जनवरी को प्रशासन ने बिजली विभाग को निजी कंपनी को हैंडओवर करना था। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लांबा ने बताया कि इस फैसले के खिलाफ बिजली व अन्य विभागों के कर्मचारियों ने 22 नवंबर को सेक्टर 17 में आक्रोश जन सभा करके निजीकरण के खिलाफ निर्णायक आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया था। जन सभा में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व जम्मू-कश्मीर के बिजली कर्मचारियों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन व पिंड संधर्ष कमेटी के प्रतिनिधियों ने शामिल होकर एकजुटता प्रकट की। इसके साथ ही चंडीगढ़ बिजली कर्मचारियों ने किसी भी सूरत में निजी कंपनी के मातहत काम करने से मना कर दिया था। अगर प्रशासन ने जबरदस्ती की तो बिजली कर्मचारियों ने 1 जनवरी से कार्य बहिष्कार करके धरने प्रदर्शन की धमकी दी। प्रशासन ने इससे निपटने के लिए 5 दिसंबर को एस्मा लगा कर धरने प्रदर्शन व हड़ताल पर पाबंदी लगा दी। यूटी पावर मैन यूनियन चंडीगढ़ ने 6 दिसंबर को इसके खिलाफ हैडक्वार्टर पर जबरदस्त आक्रोश प्रदर्शन किया। इसी दिन एनसीसीओईईई के आह्वान पर सभी राज्यों में विरोध कार्यवाहियां की गई। यूटी पावर मैन यूनियन चंडीगढ़ ने एस्मा लगने के बाद रोजाना लंच टाइम में प्रदर्शन किए। इसके साथ ही यूनियन ने जनता के बीच निजीकरण के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाने का फैसला लिया। इस अभियान को जनता का भारी समर्थन मिला। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने भी निजीकरण के फैसले के खिलाफ क्रमिक अनशन शुरू कर दिया और आम आदमी पार्टी भी मजबूती से विरोध में आ गई। इसके बाद 25 दिसंबर को यूटी पावर मैन यूनियन ने सेक्टर 28 बी बिजली कालौनी में जबरदस्त बिजली पंचायत का आयोजन किया, जिससे प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। इस पंचायत में एनसीसीओईई के सभी घटक संगठनों के राष्ट्रीय नेताओं के अलावा मेयर, पार्षदों, आरडब्ल्यूए, गांव संधर्ष कमेटी, किसानों, ट्रेड यूनियन नेताओं व बड़ी संख्या में आम नागरिकों ने भाग लिया। जन सभा में 31 दिसंबर को चंडीगढ़ सहित देशभर में विरोध प्रदर्शन करने और राज्यों की राजधानियों में राज भवन मार्च करने का फैसला लिया। जिसके तहत चंडीगढ़ में हजारों की संख्या में कर्मचारी व नागरिकों ने भाग लिया।
*एलओआई रद्द होने तक विरोध जारी रहेगा*
यूटी पावर मैन यूनियन चंडीगढ़ के महासचिव गोपाल दत्त जोशी, अध्यक्ष अमरिक सिंह व गुरमीत सिंह ने कहा कि निजीकरण का फैसला एक महीने टालना आंदोलन की जीत है। उन्होंने दो टूक कहा कि जब तक एलओआई रद्द नही होगा,तब तक नागरिकों व कर्मचारियों का संधर्ष जारी रहेगा। गोपाल दत्त जोशी ने बताया कि नागरिकों के बीच चल रहा जन जागरण अभियान जारी रहेगा और 4 जनवरी को फिर प्रदर्शन किए जाएंगे।
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