साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर की अध्यक्षता में कॉन्फ्रेंस आयोजित
- साइबर अपराध संबंधित चुनौतियों से निपटने को लेकर विस्तार से की गई चर्चा
-डीजीपी ने कहा कि सभी एक दिशा में योजनाबद्ध तरीके से करेंगे काम तो निश्चित तौर पर आएंगे उत्कृष्ट परिणाम
रमेश गोयत
पंचकूला/चंडीगढ़, 3 जनवरी। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर की अध्यक्षता में हरियाणा 112 ऑडिटोरियम में उच्च स्तरीय कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश भर से डीएसपी, एएसपी तथा साइबर थाना इंचार्ज और साइबर अनुसंधान अधिकारियों ने भाग लिया। इस कॉन्फ्रेंस में साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर कई तकनीकी पहलुओं तथा बेस्ट प्रैक्टिसेज को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने साइबर अपराध संबंधित चुनौतियों को लेकर भी अपने संशयों को भी दूर किया।
कॉन्फ्रेंस में अपने विचार रखते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा में साइबर अपराध को लेकर सराहनीय कार्य हुआ है। अगस्त-2023 में साइबर अपराध होने पर फ्रॉड की गई राशि का केवल 7 प्रतिशत ही होल्ड किया जाता था, जो अब बढ़कर 27 प्रतिशत हो गया है। हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर किये गए कार्यों की पूरे देश मे सराहना की जा रही है। जिसके चलते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सितंबर 2024 में बेस्ट-1930 साइबर टीम के अवार्ड से सम्मानित किया गया। आज हरियाणा प्रदेश में साइबर अपराध को लेकर किए गए कार्यों का अन्य राज्यों के द्वारा भी अनुसरण किया जा रहा है। हरियाणा पुलिस के साथ आज 10 बैंको के 15 नोडल अधिकारी मिल कर काम कर रहे है और अब अगले सप्ताह से एसबीआई बैंक के नोडल अधिकारी भी हरियाणा पुलिस की टीम के साथ मिलकर काम करेंगे। ये बैंक अधिकारी 24 घंटे हरियाणा पुलिस की टीम के साथ मिलकर काम करते है।
श्री कपूर ने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा वर्ष 2023 में लगभग 1900 गिरफ्तारियां की गई थी जो वर्ष 2024 में बढ़कर लगभग 5156 तक पहुच गई। इस प्रकार, वर्ष-2023 की तुलना में वर्ष-2024 में हरियाणा पुलिस द्वारा लगभग तीन गुना गिरफ्तारियां अधिक की गई। इसी प्रकार, वर्ष 2023 में हरियाणा में लगभग 602 करोड़ रुपये की राशि के साइबर फ्रॉड रिपोर्ट किए गए, वहीं वर्ष 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 980 करोड़ तक पहुच गया। वर्ष 2023 में करीब 76 करोड़ की राशि साइबर ठगों से बचाई गई थी, वहीं 2024 में करीब 268 करोड़ रुपये बचाए गए। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर अपराधी की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत रहे और अपने अधीनस्थ अधिकारियों को भी इसके लिए टारगेट दें और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करें। उन्होंने साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी पर बल दिया।
कपूर ने कहा कि साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर हम सभी को एक दिशा में प्रभावी कार्ययोजना के तहत काम करना होगा तभी इसके परिणाम और अधिक बेहतर आएंगे। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम एक गंभीर विषय है जिससे निपटने के लिए रोजाना नई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि सभी अपने दायित्व को लेकर स्पष्टता रखें और काम को लेकर किसी प्रकार का संशय न रखें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य हमारी कार्यप्रणाली ओर कार्ययोजना को बेहतर करते हुए क्षमता निर्माण करना है।
कॉन्फ्रेंस में एसपी साइबर अमित दहिया ने साइबर अपराधियों द्वारा साइबर फ्रॉड के लिए अपनाएं जाने वाले तरीकों एंव जांच करने के तकनीकी पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आई4सी के समन्वय पोर्टल, एम कवच मोबाइल एप्प, एन्टी वायरस तथा अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी दी। कॉन्फ्रेंस में दहिया ने आरबीआई गाइडलाइंस तथा सोशल इंजीनियरिंग क्राइम के बारे में भी जानकारी दी। इसके अलावा डिजिटल अरेस्ट, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, क्रिप्टोकरंसी फ्रॉड, अंतर्राष्ट्रीय फ्रॉड कॉल्स, एनसीआरपी व समन्वय पोर्टल, बैंक नोडल अधिकारियों के साथ तालमेल स्थापित करने सहित कई अन्य विषयों पर भी जानकारी दी गई। कॉन्फ्रेंस में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साइबर, ममता सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ईआरएसएस, हरदीप दून सहित कई अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
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