दिल्ली की नई सरकार के साथ मिलकर करेंगे यमुना को साफ- केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 12 फरवरी- केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा के साथ आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार द्वारा लोगों के कल्याण के लिए लिए गए निर्णयों पर प्रकाश डाला।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पाटिल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच एसवाईएल का मुद्दा अभी सुप्रीम कोर्ट में है और इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हितधारकों के बीच निरंतर बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए। कभी-कभी राज्यों के बीच इस तरह के विवाद होते हैं और उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
यमुना नदी के जरिए दिल्ली को जहरीला पानी मिलने के आरोपों के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं पिछले 16 वर्षों से दिल्ली का पानी पी रहा हॅू और जिंदा हॅू। दिल्ली में निकलने वाले कूड़े, सीवरेज के गंदे पानी और औद्योगिक अपशिष्टों के कारण यमुना नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है और इसमें हरियाणा की कोई भूमिका नहीं है। दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद आने वाले समय में यमुना को साफ किया जाएगा और इस संबंध में तेजी से काम किया जाऐगा और हम साथ मिलकर यमुना नदी को साफ करने का काम करेगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने हमेशा बजट की आलोचना की है, लेकिन हमारी सरकार में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि जल जीवन मिशन की वजह से महिलाओं के 5.5 करोड़ घंटे बचे हैं और नल से साफ पानी मिलने से 3 लाख बच्चों की जान बच गई है। इस योजना के तहत 25 लाख महिलाओं को अपने गांव में आने वाले पानी की शुद्धता की जांच करने के लिए किट व प्रशिक्षण दिया गया है। अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के उतर में कहा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। जल संचयन के लिए गांवों और ब्लॉकों में संरचनाएं स्थापित की जाएंगी। पानी की बर्बादी को रोकना होगा। दिल्ली को पानी छोड़े जाने के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली को 700 एमसीएम की मांग के मुकाबले 925 एमसीएम पानी की आपूर्ति की जा रही है। हरियाणा द्वारा दिल्ली को पर्याप्त पानी दिया जाता है।
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