किसान आंदोलन को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ही कर रहे हैं राजनीति: कुमारी सैलजा
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 16 जनवरी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि खनौरी बार्डर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को 51 दिन हो चुके हैं पर केंद्र सरकार अभी तक नींद से नहीं जागी है, सरकार के मन में क्या चल रहा है, क्या सोच रही है, क्या करना और क्या देखना चाहती है? अगर इस आंदोलन के दौरान कोई अनहोनी हुई तो सरकार को हालात संभालने में मुश्किल आएगी। खनौरी में 111 किसानों का जत्था कटीली तारें लांघ आमरण अनशन पर बैठ चुका है, यह सरकार के लिए चेतावनी है। धरने पर बैठा किसान अब शहादत देने की बात कह रहा है। केंद्र सरकार को मौजूदा हालात को देखते हुए किसानों से वार्ता कर समस्या का समाधान करना होगा पर लग रहा है कि किसान आंदोलन को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ही मिलकर राजनीति कर रहे हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि जैसे-जैसे खनौरी बार्डर पर अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ती जा रही है उसी प्रकार किसान आंदोलन की चिंगारी भी सुलगती जा रही है। खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन की हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को देखते हुए 111 किसानों का जत्था बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर कंटीली तार लांघ कर हरियाणा की हद में पुलिस की ओर से बनाई गई अस्थायी पोस्ट के सामने आमरण अनशन बैठ गया। किसानों की बात चुनने के बजाए हरियाणा ने केंद्र के इशारे पर बॉर्डर पर फोर्स बढ़ा दी है। हरियाणा का पुलिसबल किसानों को आगे बढ़ने से रोककर क्या संदेश देना चाहती है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि पंजाब सरकार इस आंदोलन को लेकर न कुछ कर रही है और नहीं कुछ बोल रही है, इससे साफ है कि किसान आंदोलन को लेकर भाजपा और आदमी पार्टी दोनों ही राजनीति कर रहे हैं। मोदी सरकार को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने में क्या नुकसान है। जब केंद्र सरकार उद्योगपतियों के करोडों और अरबों के कर्ज माफ कर सकती है तो किसानों व मजदूरों के कर्ज भी माफ किए जा सकते है। इस आंदोलन को लेकर भाजपा नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं। डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के बावजूद केंद्र की ओर से बातचीत न करने को लेकर किसानों में काफी रोष में हैं।
हरियाणा सरकार एमएसपी की गारंटी दें
उधर किसानों को खुश करने के लिए हरियाणा सरकार ने 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद तो लागू कर दी, सरकार ने इसके लिए अधिसूचना तो जारी की है पर सरकार ने एमएसपी को कानूनी दर्जा देने पर चुप्पी साधी है और इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। हरियाणा सरकार जिन फसलों को एमएसपी पर खरीदने की बात कर रही है उनमें से अधिकतर फ सले हरियाणा में होती ही नहीं है, सरकार फसलों की संख्या बढ़ाकर वाह वाही लूटने में लगी हुई है। सच तो ये है कि प्रदेश सरकार केंद्र के इशारे पर ही खेल खेल रही है।
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