स्टार्टअप इनक्यूबेटर सेंटर दे रहा ग्रामीण छात्रों के सपनों को नई उड़ान
स्टार्टअप नवाचार और रोजगार का बन रहा सशक्त मंच
रमेश गोयत
पंचकूला 16 जनवरी - राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय, सेक्टर-1 में स्थापित स्टार्टअप इनक्यूबेटर सेंटर ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए उनके व्यवसायिक सपनों को साकार करने का एक मजबूत और सशक्त मंच बनकर उभर रहा है। यह सेंटर न केवल छात्रों को उनके अनूठे विचारों को व्यवसाय में बदलने के लिए मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध करवाता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के साथ रोजगार सृजन के अवसर भी प्रदान करता है।
इस सेंटर से जुड़े सरकारी कॉलेज कालका, सरकारी महिला कॉलेज, और सरकारी कॉलेज बरवाला के कई छात्र अपने स्टार्टअप्स के माध्यम से सफलता की नई कहानियां लिख रहे हैं। ये छात्र अपने प्रयासों से न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी योगदान दे रहे हैं।
इस पहल के माध्यम से, छात्रों को व्यवसायिक कौशल, मार्केटिंग, और वित्तीय प्रबंधन का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उनके व्यवसाय के विकास को गति मिल रही है। यह इनक्यूबेटर सेंटर नवाचार, उद्यमशीलता और आत्मनिर्भरता की दिशा में छात्रों की सोच को सशक्त बनाने का एक शानदार उदाहरण बन गया है।
यह सेंटर युवाओं को 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को साकार करने की प्रेरणा दे रहा है ताकि उनका भविष्य सुखमय और समृद्ध बने। इस प्रकार सेंटर ने युवाओं को आगे बढ़ने के अवसर देकर उन्हें देश के होनहार नागरिक बना रहा है।
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गुरसेवक स्टार्टअप सर्विस डिजाइनिंग से कर रहे है अनोखी पहल
सरकारी पीजी कॉलेज, सेक्टर-1 के स्टार्टअप इनक्यूबेटर सेंटर से जुड़ा गुरसेवक स्टार्टअप युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है। यह स्टार्टअप सर्विस डिजाइनिंग, मर्चेंडाइज प्रिंटिंग व डिजिटल मार्केटिंग जैसी सेवाओं में विशेषज्ञता प्रदान कर रहा है। गुरसेवक ने न केवल आधुनिक तकनीक का उपयोग करके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है, बल्कि छोटे और मध्यम व्यवसायों को भी अपनी सेवाओं से सशक्त किया है। इनकी सेवाओं में कस्टम मर्चेंडाइज डिज़ाइन, उच्च गुणवत्ता वाली प्रिंटिंग, और ब्रांड प्रचार के लिए डिजिटल मार्केटिंग शामिल हैं।
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श्रेया पांडे और पंकज का अनोखा प्रयास है मोटे लोगों के लिए विशेष कपड़ों का कारोबार देना
श्रेया पांडे और पंकज, जो कपड़ों का कारोबार करते हैं, अब एक नई दिशा में काम कर रहे हैं। इन दोनों का मुख्य उद्देश्य उन लोगों के लिए कपड़े उपलब्ध कराना है, जो मोटे हैं और जिन्हें अपनी पसंद का ड्रेस सही साइज में नहीं मिल पाता। अब तक कई तरह के कपड़े और मर्चेंडाइज बेच चुके हैं, लेकिन उनका खास ध्यान उन ग्राहकों पर है जिनकी बॉडी टाइप और आकार सामान्य से अलग है। इस पहल से वे उन लोगों को शॉपिंग का अनुभव प्रदान कर रहे हैं जो अक्सर साइज के कारण संतुष्ट नहीं हो पाते।
अब, इन दोनों ने प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत 10 लाख रुपये का लोन प्राप्त किया है, जो उन्हें अपने व्यवसाय को और अधिक विस्तारित करने में मदद करेगा। यह लोन उन्हें अपने व्यापार को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लेकर जाने, नए उत्पादों का निर्माण करने और सशक्त विपणन अभियान चलाने में मदद करेगा। श्रेया और पंकज की यह कोशिश "आत्मनिर्भर भारत" की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए छोटे व्यवसायों को बढ़ावा दे रही है।
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