शंभू मोर्चे से 21 जनवरी को दिल्ली की ओर पैदल मार्च करेंगे 101 आंदोलनकारी
चंडीगढ़, 16 जनवरी: किसान मजदूर मोर्चा (भारत) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) द्वारा शंभू, खनौरी और रतनपुरा (राजस्थान) बॉर्डर पर पिछले 11 महीनों से फसलों की खरीद पर एमएसपी गारंटी कानून, किसानों-मजदूरों के कर्ज माफी समेत 12 मांगों को लागू करवाने के लिए संघर्ष जारी है। जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन 52वें दिन में चल रहा है। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से मांगों के प्रति उदासीनता बरती जा रही है और आंदोलनकारी संगठनों के साथ कोई बातचीत नहीं हो रही।
शंभू बॉर्डर पर आंदोलनकारी संगठनों द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सीनियर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि जैसे 6, 8 और 14 दिसंबर को शांतिपूर्ण तरीके से तीन जत्थे दिल्ली की ओर बढ़े थे, वैसे ही 21 जनवरी को 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए कूच करेगा। इस जत्थे का नेतृत्व मनजीत सिंह राय (बीकेयू दोआबा प्रदेश अध्यक्ष) और बलवंत सिंह बहिरामके (बीकेयू प्रदेश अध्यक्ष) करेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले जत्थों के किसानों और मजदूरों पर पुलिस प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई निंदनीय है। इस बार भी शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा जाएगा। उन्होंने सरकार से अपील की कि या तो आंदोलन की मांगें मान ली जाएं और किसानों को उनके घर वापस भेजा जाए या फिर दिल्ली जाकर अपनी आवाज उठाने का रास्ता दिया जाए।
जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन 52वें दिन में जारी है और अब 111 किसान भी अनशन पर बैठ चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांगें वही हैं जो 2020 में लिखित रूप में स्वीकार की गई थीं।
उन्होंने कहा कि 5 जनवरी 2022 को फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी की रैली के कार्यक्रम रद्द होने पर किसानों पर दर्ज किए गए शून्य एफआईआर और अब पंजाब सरकार द्वारा धारा 307 के तहत मुकदमे दर्ज करना अनुचित है। अगर ऐसी कार्रवाई किसी भी किसान के खिलाफ होती है, तो संगठन कड़ा विरोध करेगा।
इस मौके पर सुरजीत सिंह फूल, बलवंत सिंह बहिरामके, तेजबीर सिंह पंजोखरा, जंग सिंह भटेरी, मनजीत सिंह फौजी, सुखचैन सिंह और बलकार सिंह बैस मौजूद थे।
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