रोहतक: पहलगाम आतंकी हमले को शिक्षा मंत्री ने बताया कायरता, SE हरिदत्त केस पर कोर्ट को भी दी नसीहत
बाबूशाही ब्यूरो
रोहतक, 24 अप्रैल — प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को कायरतापूर्ण करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं देश की संप्रभुता पर सीधा हमला हैं और भारत सरकार इसका माकूल जवाब देगी। उन्होंने कहा, "अब देश में कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत राजनीतिक सोच है और ऐसी घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
कोर्ट के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा बिजली निगम के एसई हरिदत्त का निलंबन आदेश रद्द किए जाने पर मंत्री ढांडा ने तीखा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, "पहले गलत काम करो और फिर कोर्ट से राहत लो – ये तरीका अब ज्यादा नहीं चलेगा।"
उन्होंने कोर्ट पर भी अप्रत्यक्ष टिप्पणी करते हुए कहा कि न्यायपालिका को भी यह देखना चाहिए कि कार्रवाई किस कारण से की गई थी। मंत्री ने कहा, “अगर कोई अधिकारी जनता की सेवा के बजाय उदासीन रवैया अपनाता है और जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनता, तो उसे संरक्षण देना गलत संदेश देता है।”
अधिकारियों को चेतावनी
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा, "अगर किसी विधायक, मंत्री या जनप्रतिनिधि का फोन नहीं उठाया गया, तो बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने कहा कि अधिकारी जनसेवा के लिए हैं, ना कि अपनी मर्जी से काम करने के लिए।
हरिदत्त का मामला: कैसे शुरू हुआ विवाद
मामला उस समय उठा जब महिपाल ढांडा जींद जिले में किसानों की समस्याएं सुनने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने बिजली निगम के एसई हरिदत्त को फोन कर बात करनी चाही, लेकिन बार-बार कॉल करने के बावजूद एसई ने फोन नहीं उठाया। इससे नाराज होकर ढांडा ने यह मामला ऊर्जा मंत्री अनिल विज के सामने उठाया, जिसके बाद हरिदत्त को निलंबित कर दिया गया था।
हालांकि, बाद में हरिदत्त ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने बिना ठोस कारण के निलंबन को निरस्त कर दिया।
सियासी गरमाहट बढ़ी
इस पूरे मामले ने प्रशासनिक अनुशासन और राजनीतिक हस्तक्षेप की बहस को फिर से हवा दे दी है। एक ओर मंत्री अपनी जवाबदेही का हवाला दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अदालत ने प्रक्रियागत पारदर्शिता की बात की है। आने वाले दिनों में इस मामले की गूंज और भी तेज हो सकती है।
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