बीबीएमबी में करोड़ों के जिंक घोटाले की जांच पर सवाल, यूनियन ने CBI जांच की उठाई मांग
यूनियन की भूख हड़ताल 55वें दिन में प्रवेश, 11 मार्च से आमरण अनशन की चेतावनी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 3 मार्च 2025 – भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के चंडीगढ़ मुख्यालय पर कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर भाखड़ा ब्यास इम्प्लाइज यूनियन (एटक) और कोऑर्डिनेशन कमेटी द्वारा चल रही क्रमिक भूख हड़ताल 55वें दिन में प्रवेश कर गई। यूनियन पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि बीबीएमबी में हुए करोड़ों के जिंक घोटाले की जांच सही तरीके से नहीं की जा रही है और असली दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने CBI जांच की मांग उठाते हुए चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो 11 मार्च से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
भूख हड़ताल में आज शामिल हुए कर्मचारी
सोमवार को भूख हड़ताल पर बैठे नंगल बीबीएमबी डेली वेज यूनियन के साथी रामपाल और प्रदीप कुमार को कामरेड काबुल सिंह और अमृत पाल ने जूस पिलाकर हड़ताल से उठाया। इसके बाद अशोक कुमार और राम बली को क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठाया गया। इस दौरान यूनियन महासचिव सुरेश कुमार सैनी और अन्य पदाधिकारियों ने उन्हें सम्मानित कर हौसला बढ़ाया।
यूनियन का आरोप: घोटाले के दोषियों को बचाने की हो रही कोशिश
यूनियन के नेताओं ने कहा कि नंगल में हुए करोड़ों रुपये के जिंक घोटाले के असली दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड प्रबंधन, उच्च अधिकारियों के इशारे पर जांच को प्रभावित कर रहा है और गलत रिपोर्ट तैयार कर रहा है। यूनियन पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर सही जांच नहीं हुई तो वे अपने संघर्ष को और तेज करेंगे।
10 मार्च तक गेट मीटिंग और 11 मार्च से आमरण अनशन
यूनियन ने 10 मार्च तक BBMB नंगल में गेट मीटिंगों के माध्यम से विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इसके बाद 11 मार्च से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। यूनियन ने पंजाब और केंद्र सरकार से अपील की है कि वे उनकी उचित मांगों पर ध्यान दें और बोर्ड प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दें ताकि यह भूख हड़ताल समाप्त हो सके।
BBMB कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- 2022-23 और 2023-24 के इन्सेंटिव का भुगतान
- कैशलैस मेडिकल सुविधा की बहाली
- 1 जनवरी 2016 से लागू पे-स्केल के एरियर का भुगतान
- अनुबंधित कर्मचारियों को स्थायी किया जाए
- डेली वेज वर्करों को पक्का किया जाए
- पार्ट-टाइम कर्मचारियों का समय बढ़ाया जाए और DC रेट पर वेतन दिया जाए
- राजस्थान व अन्य राज्यों से आए कर्मचारियों को BBMB वेतनमान दिया जाए
- जिंक घोटाले और अन्य भ्रष्टाचार मामलों की जांच CBI से कराई जाए
BBMB प्रशासन पर दबाव बढ़ा
यूनियन महासचिव सुरेश कुमार सैनी ने कहा कि मीडिया, CID और कर्मचारियों की एकजुटता के कारण उनकी मांगों की गूंज अब केंद्र और पंजाब सरकार तक पहुंच रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द ही कोई ठोस कदम उठाएगी और BBMB प्रशासन को कर्मचारियों की मांगें मानने के लिए मजबूर किया जाएगा।
BBMB कर्मचारियों के इस आंदोलन से प्रबंधन पर भारी दबाव बन गया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन यूनियन की मांगों पर क्या रुख अपनाता है।
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