सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच समेत छह अधिकारियों पर मुकदमे का आदेश, अदालत ने 30 दिनों में मांगी रिपोर्ट
बाबूशाही ब्यूरो
मुंबई, 03 मार्च: शेयर बाजार में कथित धोखाधड़ी और विनियामकीय उल्लंघन के मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया मिलीभगत और विनियामकीय चूक के पर्याप्त सबूत हैं, जिनकी निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।
अदालत का सख्त रुख
विशेष एसीबी अदालत के न्यायाधीश शशिकांत एकनाथराव बांगर ने शनिवार को आदेश पारित करते हुए कहा कि मामले में संज्ञेय अपराध के तत्व मौजूद हैं, इसलिए इसकी गहन जांच आवश्यक है। अदालत ने 30 दिनों के भीतर जांच की स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है और स्पष्ट किया कि वह इस मामले की निगरानी करेगा।
किन अधिकारियों पर मुकदमा होगा?
इस मामले में सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के अलावा, जिन अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है, उनमें शामिल हैं:
बीएसई (BSE) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ - सुंदररामन राममूर्ति
बीएसई के तत्कालीन चेयरमैन और जनहित निदेशक - प्रमोद अग्रवाल
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य - अश्विनी भाटिया
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य - अनंत नारायण जी
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य - कमलेश चंद्र वार्ष्णेय
शिकायतकर्ता का दावा
इस मामले की शिकायत मीडिया रिपोर्टर सपन श्रीवास्तव ने दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सेबी के अधिकारी बाजार में हेरफेर को बढ़ावा देने, वित्तीय धोखाधड़ी में संलिप्त रहने और नियामकीय लापरवाही बरतने के दोषी हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि इन अधिकारियों ने अपने वैधानिक कर्तव्यों का पालन नहीं किया और ऐसी कंपनियों को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी, जो नियामकीय मानकों पर खरी नहीं उतरती थीं।
सेबी का पलटवार, कानूनी कार्रवाई की तैयारी
अदालत के आदेश के बाद सेबी ने बयान जारी कर कहा कि वह इस आदेश को चुनौती देने के लिए उचित कानूनी कदम उठाएगा। सेबी ने दावा किया कि शिकायतकर्ता को पहले भी अदालतों द्वारा "तुच्छ और आदतन मुकदमाकर्ता" करार दिया गया है और उनके कुछ पुराने मुकदमे खारिज भी किए गए थे।
सेबी के अनुसार, अदालत ने बिना कोई नोटिस जारी किए या फैक्ट्स पर विचार किए बिना यह आदेश पारित किया है। नियामक संस्था का कहना है कि वह नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
हिंडनबर्ग विवाद से भी जुड़ा मामला?
गौरतलब है कि सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने हितों के टकराव के आरोप लगाए थे। इस विवाद के बीच ही बुच ने शुक्रवार को सेबी प्रमुख के रूप में अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया।
अब देखना होगा कि अदालत के आदेश के बाद सेबी और अन्य अधिकारी इस मामले में किस तरह की कानूनी रणनीति अपनाते हैं और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच क्या निष्कर्ष निकालती है।
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