भारत-भूटान रेलवे लिंक: कोकराझार से गेलेफू तक नई रेलवे लाइन को मिली मंजूरी
बाबूशाही ब्यूरो
गुवाहाटी, 02फरवरी: भारत और भूटान के बीच ऐतिहासिक रेलवे संपर्क जल्द ही हकीकत बनने जा रहा है। असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू तक प्रस्तावित 69.04 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में नए युग की शुरुआत करेगी। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) ने घोषणा की है कि इस परियोजना के लिए अंतिम स्थानिक सर्वेक्षण (FLS) और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) का काम पूरा हो चुका है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की बड़ी घोषणा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में गुवाहाटी में आयोजित एडवांटेज असम 2.0 निवेश और अवसंरचना शिखर सम्मेलन के दौरान इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की। यह रेलवे कनेक्टिविटी केवल परिवहन सुविधा ही नहीं बल्कि व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगी।
3500 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी रेलवे लाइन
एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि इस परियोजना की अनुमानित लागत 3,500 करोड़ रुपये है। इस रेलवे लिंक के तहत छह नए स्टेशनों का निर्माण होगा:
- बालाजन
- गरुभासा
- रुनिखाता
- शांतिपुर
- दादगिरी
- गेलेफू (भूटान)
इसके अलावा, इस परियोजना के तहत 31 बड़े पुल, 65 छोटे पुल, एक रोड ओवर ब्रिज और 39 रोड अंडर ब्रिज भी बनाए जाएंगे।
सीमा पार व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
भूटान के लिए यह पहली रेलवे लाइन होगी, जो भारत के साथ उसके संबंधों को और मजबूत करेगी। इससे न केवल व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन को भी नई गति मिलेगी। इस परियोजना से असम के बोडोलैंड क्षेत्र को भी एक व्यापार और पारगमन केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी, जिससे स्थानीय उद्योगों और समुदायों को लाभ मिलेगा।
भविष्य में और रेलवे लिंक की संभावना
भूटान सरकार पहले ही इस परियोजना को लेकर सकारात्मक रुख अपना चुकी है, और भविष्य में भारत-भूटान के बीच और रेलवे मार्गों को जोड़ने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रेलवे लिंक उत्तर-पूर्व भारत के विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को एक नई दिशा देगा।
अगले कदम
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी के लिए संबंधित विभागों को भेज दिया गया है। अंतिम स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
भारत और भूटान के बीच पहली रेलवे लाइन, दोनों देशों के विकास और सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
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