कैथल की अजीमगढ़ पुलिस चौकी पर बब्बर खालसा इंटरनेशनल का हमला, हरियाणा पुलिस ने मानी विस्फोटक की पुष्टि
BKI आतंकियों हैप्पी पासियां, गोपी नवांशहरिया और मन्नू अगवान पर गुहला थाना में FIR दर्ज, ग्रेनेड हमले से इनकार
बाबूशाही ब्यूरो
कैथल,10 अप्रैल। खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) ने हरियाणा के कैथल जिले में स्थित अजीमगढ़ पुलिस चौकी पर हमला किया था। अब हरियाणा पुलिस ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि चौकी पर हमला हुआ था और घटनास्थल से विस्फोटक सामग्री भी बरामद हुई है। हालांकि पुलिस ने ग्रेनेड अटैक की बात को नकारते हुए कहा है कि जो विस्फोटक मिला है, वह किसी देसी तरीके से तैयार किया गया लगता है।
इस हमले की जिम्मेदारी खुद BKI से जुड़े आतंकियों हैप्पी पासियां, गोपी नवांशहरिया और मन्नू अगवान ने सोशल मीडिया के माध्यम से ली थी। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने थाना गुहला में तीनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
पहले इनकार, अब स्वीकार
गौरतलब है कि यह मामला 6 अप्रैल 2025 को उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें पुलिस चौकी के पास धमाके की आवाज सुनाई दी थी। उस समय पुलिस ने बयान जारी कर कहा था कि "ऐसी किसी ग्रेनेड या विस्फोटक हमले की कोई सूचना नहीं है।"
लेकिन अब जांच के बाद पुलिस ने मान लिया है कि हमला हुआ था और जांच के दौरान कुछ विस्फोटक तत्व भी मिले हैं, जिनकी फोरेंसिक जांच करवाई जा रही है।
आतंकियों पर केस दर्ज
पुलिस ने BKI से जुड़े तीन संदिग्धों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है। ये तीनों आतंकी पहले भी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और उन पर विभिन्न राज्यों की पुलिस की नजर है।
चौकियों की सुरक्षा बढ़ाई गई
इस हमले के बाद राज्य की अन्य पुलिस चौकियों और थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियां हरियाणा में खालिस्तानी नेटवर्क की गतिविधियों को लेकर अलर्ट पर हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि यह हमला किसी बड़े साजिश का ट्रायल रन भी हो सकता है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
घटना के बाद राज्य की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा है कि जब पहले ही खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर अलर्ट जारी थे, तो इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई?
इस हमले ने हरियाणा पुलिस और खुफिया एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस हमले में स्थानीय मदद किसने की और आतंकियों के तार किन-किन जगहों से जुड़े हैं।
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