Hrayana के सेवानिवृत्त अधिकारियों की वापसी की कोशिश, सूचना आयोग में नियुक्तियों को लेकर मची होड़"
रमेश गोयत
पंचकूला, 16 अप्रैल हरियाणा में कई सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और एचसीएस अधिकारी अब भी सरकारी तंत्र का हिस्सा बने रहना चाहते हैं। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त और छह राज्य सूचना आयुक्तों के पदों के लिए आवेदन मांगे गए, जिनके लिए 14 रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों समेत कुल दर्जनों आवेदक सामने आए हैं। इनमें पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद का नाम सबसे प्रमुख है, जिन्होंने मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए आवेदन किया है।
हैरानी की बात यह है कि कुछ अधिकारियों ने सेवा काल के दौरान ही रिटायरमेंट के बाद की योजना बनानी शुरू कर दी थी। वर्तमान सूचना आयुक्त प्रदीप शेखावत ने भी अब मुख्य सूचना आयुक्त बनने की इच्छा जताई है, जबकि जनवरी में रिटायर हुईं पूर्व आईएएस अधिकारी ज्योति अरोड़ा ने भी आवेदन किया है।
इन वरिष्ठ अधिकारियों ने जताई रुचि:
पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद के अलावा महावीर कौशिक, आलोक निगम, आरएस वर्मा, अंकुर गुप्ता, रेणु फुलिया, भूपेंद्र सिंह, महेश्वर शर्मा, गोरखराम, अश्वनी कुमार गुप्ता, नरेश नरवाल, धर्मवीर सिंह, अमरजीत सिंह मान जैसे कई पूर्व आईएएस अधिकारियों ने भी आवेदन भेजे हैं। वहीं रिटायर्ड आईपीएस अधिकारियों में एलआर बिश्नोई और अरुण कुमार मित्तल का नाम शामिल है। एचसीएस स्तर से अशोक बंसल, अमरजीत सिंह और सतीश यादव ने भी दावेदारी की है।
सीएस की अध्यक्षता में कमेटी करेगी चयन:
इन पदों पर चयन के लिए राज्य सरकार ने एक सर्च कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी कर रहे हैं। उनके साथ वरिष्ठ आईएएस सुधीर राजपाल और सुमिता मिश्रा कमेटी में शामिल हैं। यह कमेटी तीन गुना नामों को शॉर्टलिस्ट कर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली वैधानिक कमेटी को भेजेगी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष का शामिल होना अनिवार्य है। हालांकि हरियाणा में फिलहाल नेता प्रतिपक्ष नहीं है, जिस पर सरकार कानूनी राय ले रही है।
सरकारी पदों की ओर रुझान क्यों?
विशेषज्ञ मानते हैं कि उच्च पदों पर कार्यरत रहे अधिकारी सरकारी ढांचे से इस कदर जुड़ जाते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी वे उसमें सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं। इसके पीछे अनुभव का लाभ लेने की मंशा भी है और सामाजिक-प्रशासनिक प्रभाव बनाए रखने की चाहत भी है।
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