गुरुग्राम: मानेसर साइबर थाने में तैनात ASI श्रीभगवान ने की आत्महत्या, पत्नी ने महिला SI पर लगाया मानसिक उत्पीड़न का आरोप
बाबूशाही ब्यूरो
गुरुग्राम, 17 अप्रैल।
हरियाणा के मानेसर साइबर थाने में तैनात सहायक उप-निरीक्षक (ASI) श्रीभगवान ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दुखद घटना से स्थानीय पुलिस महकमे और इलाके में सनसनी फैल गई है। मृतक की पत्नी सपना, जो एक स्कूल टीचर हैं, ने इस आत्महत्या के पीछे गुरुग्राम में तैनात एक महिला सब-इंस्पेक्टर (SI) को जिम्मेदार ठहराया है।
सड़क हादसे के बाद घर पर आराम कर रहे थे ASI
पत्नी सपना ने बताया कि श्रीभगवान 7 अप्रैल 2025 को ड्यूटी से लौटते समय सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे और डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी थी। इस दौरान वे घर पर ही थे, लेकिन मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे।
पत्नी के स्कूल से लौटने पर हुआ खुलासा
15 अप्रैल को जब सपना स्कूल से लौटीं तो उन्होंने देखा कि घर के बाहर भीड़ जमा थी। पड़ोसियों ने बताया कि श्रीभगवान ने आत्महत्या कर ली है। कमरे में चुन्नी से फंदा बना हुआ था और श्रीभगवान मृत अवस्था में जमीन पर पड़े थे।
महिला SI के दबाव का आरोप
सपना ने पुलिस को बताया कि उनके पति के पास लगातार एक महिला सब-इंस्पेक्टर के फोन आते थे, जिनके बाद वे काफी तनाव में आ जाते थे। सपना का दावा है कि मानसिक दबाव के चलते ही उनके पति ने यह खौफनाक कदम उठाया। उन्होंने मांग की है कि उनके पति के मोबाइल की कॉल डिटेल्स खंगाली जाएं और संबंधित महिला अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
तीन पन्नों का सुसाइड नोट बरामद
ACP बेरी अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस को मौके से एक डायरी मिली है, जिसमें तीन पन्नों का सुसाइड नोट भी शामिल है। इसके अलावा फांसी में इस्तेमाल की गई चुन्नी, एक पेन और मोबाइल फोन को जब्त कर लिया गया है। सुसाइड नोट में महिला SI के खिलाफ कई गंभीर बातें लिखी गई हैं, जिनकी पुष्टि जांच के बाद ही की जाएगी।
फॉरेंसिक जांच शुरू, निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाकर सबूत इकट्ठा किए हैं। ACP अनिल कुमार ने कहा, "हम निष्पक्ष जांच करेंगे और दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कॉल रिकॉर्ड्स और डिजिटल डेटा की जांच की जा रही है।"
परिवार की पीड़ा और न्याय की मांग
श्रीभगवान के परिवार में उनकी पत्नी सपना और बच्चे हैं। सपना का कहना है, “मेरे पति ईमानदार अधिकारी थे। अगर उन्हें किसी दबाव में जीना पड़ रहा था, तो इसकी पूरी पड़ताल होनी चाहिए। मैं सिर्फ इंसाफ चाहती हूं।”
यह मामला पुलिस विभाग के भीतर मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल संबंधों की संवेदनशीलता को उजागर करता है। आने वाले दिनों में इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।
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