हरियाणा में भ्रूण हत्या रोकने के लिए बड़ा एक्शन: 300 MTP केंद्र रद्द, 17 ऑनलाइन किट विक्रेताओं पर FIR, टास्क फोर्स का गठन
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 10 अप्रैल: हरियाणा सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने और पी.सी. एंड पी.एन.डी.टी. कानून को सख्ती से लागू करने के लिए कड़ा कदम उठाया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने एक राज्य टास्क फोर्स (STF) का गठन किया है, जो हर मंगलवार को बैठक कर क्षेत्रीय दौरे और कार्रवाई की समीक्षा करेगी।
टास्क फोर्स में NHM, DGHS, महिला एवं बाल विकास, आयुष, औषधि नियंत्रक और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। मिशन निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव को एसटीएफ का संयोजक नियुक्त किया गया है।
डॉ. यादव ने बताया कि टास्क फोर्स की कार्रवाई के तहत अब तक राज्य के 1500 मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (MTP) केंद्रों में से 300 केंद्रों के पंजीकरण रद्द किए जा चुके हैं या उन्होंने स्वयं वापस ले लिए हैं। इसके अलावा 23 केंद्रों को नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि 17 ऑनलाइन एमटीपी किट विक्रेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
हिसार के पी.एन.डी.टी. नोडल अधिकारी को किया गया सस्पेंड, वहीं 12 सीएचसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। लिंगानुपात के आंकड़ों के आधार पर अटेली, उकलाना, बड़ोपल, निसिंग और लाडवा जैसे इलाकों में जांच के आदेश दिए गए हैं।
चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों के पी.एन.डी.टी. नोडल अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है।
अवैध गर्भपात रैकेट पर भी शिकंजा कसते हुए, सिविल सर्जन हिसार, दलाल उषा पर आपराधिक केस दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, रोहतक व सोनीपत में पूजा नामक महिला के मामले में FIR दर्ज की गई है, जिसे दो बेटियां होने के बाद जबरन गर्भपात के लिए मजबूर किया गया।
अब दो बेटियों वाली गर्भवती महिलाओं पर विशेष निगरानी, एमटीपी केंद्रों का नियमित निरीक्षण किया जाएगा। भ्रूण हत्या में लिप्त पाए गए डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे।
औषधि नियंत्रक को निर्देश दिए गए हैं कि एमटीपी किट केवल पंजीकृत केंद्रों को ही बेची जाए और गैर-पंजीकृत IVF केंद्रों को बंद किया जाए।
राज्य सरकार ने 62,000 से अधिक गर्भवती महिलाओं की पहचान की है, जिनके पहले से एक या अधिक बेटियां हैं। इन्हें हेल्पलाइन 104 से संपर्क किया जा रहा है। साथ ही बेटी के जन्म पर आशा वर्कर को 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रस्ताव है।
सरकार की सख्ती का असर दिख रहा है—हरियाणा का लिंगानुपात अब 910 से बढ़कर 911 हो गया है। स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज सहित सभी विभाग मिलकर बेटी बचाने और उन्हें शिक्षित करने का संदेश जन-जन तक पहुंचा रहे हैं।
यह अभियान न केवल हरियाणा के सामाजिक संतुलन को मजबूत करेगा, बल्कि एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में निर्णायक कदम है।
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