जीरकपुर में 11 महीने पुराने मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज, पिता ने जताई दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका
बादल कॉलोनी में तीसरी मंजिल से गिरकर हुई थी युवती की मौत, आरोपी अब भी फरार
बाबूशाही ब्यूरो
जीरकपुर, 10 अप्रैल:
मई 2024 में जीरकपुर की बादल कॉलोनी में हुई युवती की रहस्यमयी मौत के करीब 11 महीने बाद पुलिस ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया है। मृतका के पिता का आरोप है कि उनकी बेटी की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी, जिसकी निष्पक्ष जांच के लिए उन्होंने सीबीआई कोर्ट में याचिका भी दायर की है।
जीरकपुर पुलिस ने इस मामले में सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के पंजाब बाग निवासी अंश शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और उसकी तलाश की जा रही है।
क्या है मामला:
मृतका निशाली शर्मा के पिता नरिंदर कुमार के अनुसार, उनकी बेटी ने सहारनपुर के जैन डिग्री कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की थी, जहां उसकी पहचान अंश शर्मा से हुई। अंश ने उसे मोहाली में नौकरी का लालच देकर बुलाया और फिर वह जीरकपुर की बादल कॉलोनी में एक पीजी में रहने लगी।
1 मई 2024 को उन्हें सूचना मिली कि उनकी बेटी ने तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली है। जब वे मौके पर पहुंचे तो मौके की स्थिति संदिग्ध लगी और उन्होंने तुरंत पुलिस से मेडिकल जांच की मांग की, क्योंकि उन्हें दुष्कर्म की आशंका थी। लेकिन उनके अनुसार, पुलिस ने न तो मेडिकल कराया और न ही जांच को गंभीरता से लिया।
ब्लैकमेलिंग और पैसे की लेनदेन:
नरिंदर कुमार का आरोप है कि अंश शर्मा उनकी बेटी को ब्लैकमेल करता था और पैसे ऐंठ रहा था। उन्होंने बताया कि निशाली के मोबाइल से उन्हें कई ट्रांजेक्शनों के सबूत मिले, जिनमें अंश को पैसे भेजे गए हैं। उनका कहना है कि अंश की ब्लैकमेलिंग से मानसिक दबाव में आकर ही उनकी बेटी ने आत्महत्या की, या फिर उसे जानबूझकर मार दिया गया।
कई जगहों पर की गई शिकायत:
निशाली के पिता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग, सीबीआई, और सहारनपुर पुलिस में भी शिकायतें दर्ज करवाई हैं, जिनकी जांचें अभी जारी हैं।
जीरकपुर पुलिस का कहना है कि अब नए सबूतों के आधार पर धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है और आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। पुलिस यह भी कह रही है कि यदि जांच में हत्या या यौन अपराध से संबंधित कोई पुख्ता सबूत सामने आते हैं, तो धाराएं बढ़ाई जाएंगी।
इस मामले ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को जल्द सजा मिले।
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