Pahalgam Attack Row : चिनाब का पानी रोकने को बनाने होंगे डैम; जिस्पा बांध को रफ्तार दे सकती है भारत सरकार, लोग कर रहे थे विरोध
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 25 अप्रैल 2025 :
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में टारगेट किलिंग के बाद भारत द्वारा होल्ड किए गए सिंधु जल समझौते का असर हिमाचल में भी देखने को मिल सकता है। भारत सरकार लाहुल स्पीति जिला से निकलने वाली चिनाब नदी का पानी रोकने के लिए यहां बिजली परियोजनाएं बनाने पर फोकस कर सकती है।
इसके पहले भी नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस नदी पर जिस्पा में 300 मेगावाट का प्रोजेक्ट बनाने की शुरुआत हुई थी। इसके लिए केलांग के नजदीक जिस्पा में 200 मीटर ऊंचा स्टोरेज डैम बनाने का प्रस्ताव था। भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट को नेशनल इंर्पोटेंस का भी घोषित कर दिया था और मिनिस्ट्री ऑफ वॉटर रिसोर्सेस से सीडब्ल्यूसी ने शुरुआती सर्वे के लिए पांच करोड़ रुपए जारी कर दिए थे।
राज्य सरकार ने ऊर्जा निगम को यह काम दिया था, लेकिन स्थानीय लोगों ने इस प्रोजेक्ट का विरोध किया था। 2019 के बाद स्थानीय लोग इस प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ाने को तैयार नहीं हुए। इसलिए प्रोजेक्ट पर आगे के टेंडर नहीं लगे।
हालांकि तब भी इस परियोजना को इंडस वॉटर ट्रीटी के प्रावधानों के अनुसार ही बनाया जा रहा था, लेकिन पानी रोकने को लेकर भारत सरकार की सोच थी। दूसरी तरफ रावी नदी का पानी रोकने के लिए शाहपुरकंडी बैराज तैयार कर लिया गया है। अब सिंधु जल समझौता भारत सरकार ने रोक दिया है, इसलिए चिनाब बेसिन में भी बिजली परियोजनाओं को लेकर नए सिरे से कदम उठाए जा सकते हैं। प्रदेश सरकार पहले ही लाहुल स्पीति में दो परियोजनाओं को तेलंगाना सरकार को देने को लेकर एमओयू कर चुकी है।
सेली और मायड़ के ये दोनों प्रोजेक्ट करीब 450 मेगावाट के हैं। यहां दिक्कत यह है कि यहां से बिजली को निकालने के लिए ट्रांसमिशन लाइन नहीं है। (SBP)
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