18 जनवरी के बाद रेणु भाटिया का हरियाणा महिला आयोग चेयरपर्सन तौर पर कार्यकाल बढ़ाने के लिए कानून में संशोधन आवश्यक
वर्ष 2012 कानून की मौजूदा धारा 4(1) अनुसार तीन वर्ष से अधिक नहीं हो सकता कार्यकाल -- एडवोकेट
बाबुशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 16 जनवरी। गत वर्ष 26 नवम्बर 2024 को हरियाणा सरकार द्वारा जारी एक आदेशानुसार हरियाणा महिला आयोग की मौजूदा चेयरपर्सन रेणु भाटिया का कार्यकाल 18 जनवरी 2025 से आगामी आदेशो तक बढ़ाने का उल्लेख किया गया.
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट हेमंत कुमार ने एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण कानूनी पॉइंट उठाते हुए बताया कि हरियाणा राज्य महिला आयोग अधिनियम, 2012 की धारा 4 (1) में स्पष्ट उल्लेख है कि आयोग की चेयरपर्सन, वाईस-चेयरपर्सन और मेंबर (सदस्य) का कार्यकाल तीन वर्ष से अधिक नहीं हो सकता.
अब चूँकि हरियाणा महिला आयोग की वर्तमान चेयरपर्सन रेणु भाटिया, जिन्होंने 19 जनवरी 2022 को इस पद का कार्यभार संभाला था, 18 जनवरी 2025 को अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे कर लेंगी, इसलिए उससे अधिक उन्हे उस पद पर बनाये रखने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से जारी सरकारी आदेश पर्याप्त नहीं हैं बल्कि इसके लिए प्रदेश सरकार को उपरोक्त कानूनी धारा में विधानसभा मार्फ़त उपयुक्त संशोधन करना होगा जोकि तत्काल तौर पर राज्यपाल से इस सम्बन्ध में एक अध्यादेश प्रख्यापित (जारी) करवाकर ही संभव है क्योंकि फिलहाल फरवरी-मार्च, 2025 से पूर्व हरियाणा विधानसभा का आगामी सत्र बुलाये जाने की कोई संभावना नहीं है.
सनद रहे कि तीन वर्ष पूर्व 17 जनवरी 2022 को हरियाणा में तत्कालीन मनोहर लाल सरकार द्वारा फरीदाबाद जिले से भाजपा की वरिष्ठ महिला नेत्री रेणु भाटिया को 3 वर्षों के लिए हरियाणा महिला आयोग का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था जो पद हालांकि उन्होंने उसके दो दिन बाद 19 जनवरी 2022 को संभाला था. उससे पूर्व दिसम्बर, 2017 से दिसम्बर, 2020 तक रेणु आयोग में बतौर मेंबर भी रह चुकी थी.
हेमंत ने यह बताया कि यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि हरियाणा महिला आयोग की मौजूदा चेयरपर्सन रेणु भाटिया की नियुक्ति के तीन वर्ष का समय बीते जाने के बाद आज तक आयोग में पांच सदस्यों की तो दूर एक भी सदस्य की नियुक्ति नहीं की गयी है. अब इसके पीछे वास्तव में क्या प्रशासनिक कारण है या कोई और वजह, यह देखने लायक है.
हालांकि गत वर्ष 15 मार्च 2024 को सोनीपत जिले की खरखौदा क्षेत्र निवासी सोनिया अग्रवाल को हरियाणा महिला आयोग की वाईस-चेयरपर्सन नामित अर्थात नियुक्त किया गया था. उसी माह उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया था. हालांकि सोनिया अग्रवाल के महिला आयोग की वाईस- चेयरपर्सन पद पर नियुक्ति के सम्बन्ध में आधिकारिक नोटिफिकेशन 7 मई 2024 के हरियाणा सरकार के गजट में प्रकाशित की गई थी जिसमें सोनिया का कार्यकाल एक वर्ष ही दर्शाया गया.
गत माह दिसम्बर, 2024 में सोनिया अग्रवाल को एंटी करप्शन ब्यूरो, हरियाणा द्वारा भ्रष्टाचार के एक कथित मामले में गिरफ्तार भी किया गया था, जिस कारण इसी माह 9 जनवरी, 2025 से सोनिया को वाईस-चेयरपर्सन पद से हटा दिया गया.
हेमंत ने बताया कि हरियाणा राज्य महिला आयोग कानून, 2012 की धारा 3(2)(बी) के अनुसार आयोग में चेयरपर्सन के अतिरिक्त एक वाईस-चेयरपर्सन और अधिकतम पांच सदस्य हो सकते हैं जिन्हें प्रदेश सरकार द्वारा नॉमिनेट (नियुक्त) किया जाता है जिनमें से कम से कम एक सदस्य अनुसूचित जाति (एस.सी.) वर्ग से होना चाहिए. उपरोक्त पदाधिकारियों के अतिरिक्त वर्ष 2012 कानून अनुसार आयोग में एक वरिष्ठ एचसीएस अथवा आईएएस महिला अधिकारी आयोग की सदस्य सचिव होंगी. इसके अतिरिक्त महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रशासनिक सचिव आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगी. इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक और प्रदेश के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) आयोग के पदेन (उनके पद के कारण ) सदस्य होंगे.
बहरहाल, साढ़े 7 वर्ष पूर्व 18 जुलाई, 2017 को जब प्रतिभा सुमन को हरियाणा राज्य महिला आयोग की तत्कालीन चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था, तो उसके कुछ माह बाद ही 12 दिसम्बर, 2017 को गुरुग्राम से प्रीति भारद्वाज को आयोग की वाईस-चेयरपर्सन, चरखी दादरी से इंदु यादव, अम्बाला से नम्रता गौड़, फरीदाबाद से रेणु भाटिया, सोनीपत से सोनिया अग्रवाल और जींद से सुमन बेदी को आयोग में सदस्य बनाया गया था. हरियाणा महिला आयोग कानून, 2012 की धारा 4(1) के अनुसार आयोग में सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल भी चेयरपर्सन के समान तीन वर्ष का ही होता है.
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