हरियाणा सरकार सख्त: लापरवाह कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, जबरन रिटायरमेंट की तैयारी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 17 जनवरी 2025 – हरियाणा सरकार ने आलसी और लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की दिशा में पहल तेज कर दी है। सरकार अब 25 साल की सेवा पूरी कर चुके और 50-55 वर्ष की आयु वर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रही है। इस उद्देश्य से संबंधित रिकॉर्ड मांगा गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन कर्मचारियों को समय से पहले जबरन सेवानिवृत्ति दी जा सके।
पिछले फैसलों की होगी समीक्षा
सरकार ने बीते तीन वर्षों में समय पूर्व रिटायर किए गए सभी कर्मचारियों का रिकॉर्ड भी तलब किया है। यह कदम उन फैसलों की समीक्षा के लिए उठाया गया है, जो कर्मचारियों के प्रदर्शन मूल्यांकन के आधार पर संबंधित कमेटियों ने लिए थे। इस संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को निर्देश जारी किए हैं।
सख्ती से बढ़ेगी जवाबदेही
राज्य सरकार का यह निर्णय उन कर्मचारियों पर लागू होगा जो अपने कार्य में लापरवाह, अक्षम या अनुशासनहीन पाए जाते हैं। सरकार का मानना है कि प्रशासन में उत्तरदायित्व और दक्षता बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है।
पिछली नीतियों का रिव्यू क्यों?
सूत्रों के अनुसार, सरकार इस बार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जबरन रिटायरमेंट का निर्णय पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से लिया जाए। इसके लिए पिछली समीक्षाओं और उनकी प्रक्रियाओं का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा।
प्रशासनिक स्तर पर हलचल तेज
मुख्य सचिव कार्यालय से रिकॉर्ड की मांग के बाद सभी विभागों में हलचल बढ़ गई है। प्रशासनिक अधिकारी अपने-अपने विभागों में कर्मचारियों के प्रदर्शन का डेटा जुटाने में जुट गए हैं।
सरकार का संदेश स्पष्ट
हरियाणा सरकार का यह कदम यह संदेश देता है कि आलस्य और लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार जवाबदेही और कार्यकुशलता को प्राथमिकता दे रही है।
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