पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम के लिए एनएसएस, पंजाब विश्वविद्यालय को 8.5 लाख रुपये का मिला अनुदान
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 17 जनवरी। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (पीएससीएसटी) द्वारा 8,50,000 रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है। यह अनुदान राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ द्वारा कार्यान्वित पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम (ईईपी 2024-25) के तहत गतिविधियों को वित्तपोषित करेगा।
इस परियोजना का नेतृत्व मुख्य अन्वेषक (पीआई) डॉ. परवीन गोयल, प्रो. रजत संधीर और डॉ. सोनिया शर्मा करेंगे। इसका उद्देश्य व्यावहारिक गतिविधियों और क्षमता निर्माण पहलों के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता और स्थिरता को बढ़ावा देना है।
ईईपी 2024-25 के तहत नियोजित प्रमुख गतिविधियां हैं - लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) कौशल विकास; लैंडफिल में अपशिष्ट उपयोग पर केंद्रित व्यावहारिक क्षमता निर्माण कार्यशालाएं और प्रदर्शन, ड्रिप सिंचाई, वर्षा जल संचयन आदि के माध्यम से जल संरक्षण, एकल-उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) पर अंकुश, खाद, वर्मीकंपोस्टिंग के माध्यम से अपशिष्ट प्रबंधन और अपशिष्ट बायोमास से स्थायी वैकल्पिक आजीविका उत्पन्न करना।
ये गतिविधियाँ छात्रों और स्वयंसेवकों के बीच टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई हैं, ताकि उन्हें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक योगदान करने के लिए सशक्त बनाया जा सके।
इस पहल के बारे में बोलते हुए, प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. परवीन गोयल ने जोर देकर कहा कि यह परियोजना पंजाब में पंजाब विश्वविद्यालय के संबद्ध कॉलेजों में पर्यावरण संरक्षण के लिए एनएसएस की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगी। उन्होंने कहा, "यह कार्यक्रम एनएसएस स्वयंसेवकों को प्रभावशाली गतिविधियों में शामिल होने में सक्षम बनाता है जो पृथ्वी को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने में योगदान करते हैं।"
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